कृषि कानूनों की वापसी पर अभय चौटाला बोले, Kisan Andolan के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं, MSP का लिखित कानून बने

इनेलो विधायक अभय चौटाला ने शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा किए जाने को किसानों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक प्रणाली में यह बेहद जरूरी है कि चाहे प्रधानमंत्री हो या प्रदेश के मुख्यमंत्री हों उन्हें किसी भी निर्णय को लेने से पहले अपने कैबिनेट मंत्रियों से सलाह-मशविरा करना जरूरी है। देश के प्रधानमंत्री को कृषि कानूनों पर अध्यादेश लाने के बजाय बिल लाना चाहिए था जिस पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा करवानी चाहिए थी। साथ साथ बिल लाने से पहले देश के सभी किसान संगठनों को विश्वास में लाना चाहिए था अगर ऐसा होता तो ये काले कानून बनाने की नौबत ही नहीं आती। लेकिन प्रजातांत्रिक प्रणाली के विरुद्ध जाकर देश के प्रधानमंत्री ने तानाशाही रवैया अपनाया और न तो कृषि कानूनों को लागू करते समय, और न ही रद्द करते समय किसी से पूछा नतीजतन देश के किसानों को आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ा।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा के एक गलत फैसले ने एक साल तक किसानों को अपना घर-बार खेत खलिहान छोडक़र सर्दी-गर्मी, धूप और बारिश में सडक़ों पर आंदोलन करने पर मजबूर किया जिसमें 700 से अधिक किसानों को शहादत देनी पड़ी। आज किसान ने यह साबित करके दिखा दिया कि अगर उसे कोई छेड़ता है तो फिर किसान उसे छोड़ता नहीं है। जिस तरह से किसानों ने अपनी लड़ाई लड़ी और इनेलो के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के फैसले पर एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में इस आंदोलन को मजबूत किया उसके लिए सभी किसान और कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं। पहले हिमाचल, राजस्थान और हरियाणा के उपचुनावों में भाजपा की करारी हार हुई जिससे सबक लेकर आज कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा। अब यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में भी किसान भाजपा को सबक सिखाएंगे।
सरकार द्वारा काले कानून वापिस लेने के फैसले का स्वागत, लेकिन- MSP का लिखित कानून बने, शहीद हुए किसानों को शहीद का दर्जा व उनके परिवारों को आर्थिक सहायता, किसानों पर दर्ज मुकदमें वापिस हों। तीन काले कानून रद्द करने के साथ आगामी संसद सत्र में इन सभी मांगों को कानूनी रूप दिया जाए।
— Abhay Singh Chautala (@AbhaySChautala) November 19, 2021
उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा को संदेश देते हुए कहा कि आज के दिन को हर साल किसान की आजादी के रूप में मनाएं क्योंकि हमने देश के प्रधानमंत्री को किसानों की आजादी के लिए मजबूर कर दिया।एमएसपी पर कानून बेहद जरूरी है अगर एमएसपी पर कानून नहीं बना तो बड़े उद्योगपति अपनी मनमर्जी करेंगे। देश में जब सभी चीजों का रेट तय है तो किसानों की फसल का रेट भी तय होना चाहिए, साथ ही हर साल महंगाई को देखते हुए किसान की फसल का रेट बढ़ाया जाए।
अभय सिंह चौटाला ने भाजपा सरकार से मांग करते हुए कहा कि किसान निधि कोष बनाया जाए जिसमें अगर प्राकृतिक आपदा की वजह से किसान की फसल खराब होती है तो खराब हुई प्रति एकड़ के हिसाब से फसल की कीमत किसान को मिले जिससे किसान के नुकसान की भरपाई हो और वो अपनी अगली फसल की तैयारी कर सके। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए साथ ही केंद्र की भाजपा सरकार शहीद हुए किसानों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे। जैसे सेना के शहीद को सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है वैसे ही प्रत्येक शहीद किसान के परिवार को आर्थिक मदद दी जाए।
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