बैंकिंग शुल्क बढ़ाने पर सबसे ज्यादा मार गरीब जनता पर पड़ेगी : अभय चौटाला

बैंकिंग शुल्क बढ़ाने पर सबसे ज्यादा मार गरीब जनता पर पड़ेगी : अभय चौटाला
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इनेलो महासचिव ने कहा भाजपा सरकार का गरीब को और गरीब बनाने की तरफ यह एक और कदम है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि जो व्यकित जिस बैंक का ग्राहक है और बैंक उससे लेनदेन का वार्षिक शुल्क वसूल करता है कम से कम उस बैंक के ग्राहकों को तो इन लेनदेन शुल्क पर छूट मिलनी चाहिए।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बैंकिंग लेनदेन पर बढाए गए शुल्क पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी सबसे बड़ी मार रेहड़ी-फड़ी वाले, आटो-रिक्शा चालक, छोटा व्यापारी व आम गरीब जनता के उपर पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि नए बैंकिंग नियमों के कारण अब लेनदेन पर न्यूनतम 150 रूपए शुल्क लगेगा, साथ ही एक महीने में तीन वित्तीय लेनदेन के बाद 20 रूपए शुल्क और गैर वित्तीय लेनदेन पर 8.50 रूपए शुल्क लगेगा दूसरे बैंकों के एटीएम से रकम निकालने पर अब 15 रूपए की बजाए 17 रूपए देना पड़ेगा साथ ही चेक से लेनदेन पर भी शुल्क बढा दिए गए हैं जो किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है। जो छोटे व्यापारी और हररोज मेहनत मजदूरी करके कमाने वाले हैं उनके पास कमाए गए पैसों को रखने का कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होता है इसलिए वो सभी बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। रोजमर्रा की कमाई को हररोज अपने बैंक अकाउंट में जमा करते हैं और जरूरत पड़ने पर पैसे निकालते हैं।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा की गई नोट बंदी का मुख्य उद्देश्य यही था कि काले धन पर लगाम लगे, सभी लोगों का बैंको की तरफ रूझान बढ़े और ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल माध्यम अपनाएं। लेकिन जिस तरह से भाजपा सरकार हर रोज टैक्स व अन्य शुल्क बढ़ा रही है उसको देखते हुए भाजपा सरकार की मंशा पर प्रश्र चिन्ह लग गया है। अब लोग फिर से नकदी में व्यापार करने लगेंगे और बैंकों की तरफ लोगों का विश्वास भी खत्म होने लगेगा।

इनेलो नेता ने कहा कि सभी बैंकों ने उनके बड़े खाताधारियों को प्रिविलेज कस्टमर बनाया हुआ है जिन पर किसी भी प्रकार का लेनदेन शुल्क नहीं लगता लेकिन जो गरीब और आम ग्राहक है उन्ही पर इसकी मार पड़ रही है। भाजपा सरकार का गरीब को और गरीब बनाने की तरफ यह एक और कदम है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि जो व्यकित जिस बैंक का ग्राहक है और बैंक उससे लेनदेन का वार्षिक शुल्क वसूल करता है कम से कम उस बैंक के ग्राहकों को तो इन लेनदेन शुल्क पर छूट मिलनी चाहिए चाहे वो एक दिन में कितनी बार भी लेनदेन करे।

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