अभय चौटाला बोले- सरपंचों के साथ भेदभाव नहीं होने देंगे, मुख्यमंत्री प्रदेश के मुखिया है तो सरपंच भी गांव का

चंडीगढ़। इनेलो प्रधान महासचिव और विधायक अभय चौटाला ने शनिवार को चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में एक प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हमें लगा था इस नववर्ष में मुख्यमंत्री कुछ अच्छे फैसले लेंगे लेकिन हर बार की तरह प्रदेश के लोगों को निराशा ही मिली है। प्रदेश में जो पंचायतों के चुनाव हुए उसमें चुने हुए प्रतिनिधियों की पावर कम की गई। पंचायत मंत्री हर जिले में इस उम्मीद में गए कि शायद नए प्रतिनिधि उनका स्वागत करेंगे लेकिन जहां भी वो गए और सीधी बातचीत शुरू की तो सरपंचों ने खुल कर कहा की हमारे अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। एक तरफ तो हम पंचायत को छोटी सरकार कहते हैं जो विकास के फैसले खुद ले सकते हैं लेकिन हैरानी की बात है कि ऐसा कानून बनाया है कि जिन पंचायतों की सालाना आय 1 से 10 करोड़ है वो भी उस पैसे को खुद खर्च नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री प्रदेश का मुखिया है तो गांव का सरपंच भी तो गांव का मुख्यमंत्री है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अफसरों के माध्यम से 8 से 10 परसेंट पैसा हर डिपार्टमेंट के मंत्री तक जाता है। बबली जब तक मंत्री नहीं बने थे बहुत शोर मचाते थे कि अफसर लूट मचा रहे हैं और उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। कईं बार तो विधानसभा और बाहर भी खुद के सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। अगर भ्रष्टाचार कम करना था तो सरपंचों को ज्यादा पावर देनी चाहिए थी जबकि अधिकारियों को ज्यादा पावर दे दी गई। सरकार ने सरपंचों को 2 लाख तक सीमित कर दिया और इससे अधिक के लिए उन्हें अधिकारियों की अनुमति लेनी पड़ेगी, लेकिन 2 लाख में होता क्या है। अगर सरकार को लग रहा है कि पैसे का दुरुपयोग हो रहा है तो एजेंसी के द्वारा उसकी जांच करे। लेकिन सरकार ने सब चुने हुए प्रतिनिधियों को चोर समझ लिया है इसलिए सरकार का हर वर्ग में विरोध हो रहा है।
हैरानी की बात है की मंत्री के हलके का ही गांव है दमकोरा, जहां नरेगा के तहत अलग-अलग 3 स्कीम में पैसा दिया गया लेकिन एक भी काम वहां नहीं चल रहा। इसी गांव में 13 लाख 4 हजार 141 रुपए का काम था जिसमें से 8 लाख 966 रूपए ठेकेदार को दे दिए गए लेकिन काम नहीं हुआ। एक एस्टीमेट काम के लिए 5 लाख रुपए रिलीज किए लेकिन कोई काम नहीं हुआ, अब ये पैसा कहां किसके पास गया पता नहीं, ये भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है? हम प्रदेश के चुने हुए सरपंचों के साथ भेदभाव नहीं होने देंगे। इनेलो पार्टी उनके साथ खड़ी है चाहे वो किसी भी पार्टी के हैं। हम इस बात का समर्थन करते हैं कि सरपंचों के अधिकार और बढ़ाए जाने चाहिए। अगर इस मामले की सीबीआई जांच हो जाए तो सरकार में बैठा एक-एक आदमी संलिप्त पाया जाएगा। सीएम श्वेत पत्र जारी करें और बताएं कि कितना कर्ज लिया, उस पैसे से लोगों को कितना लाभ मिला और किस विकास परियोजना में लगाया।
दिग्विजय चौटाला के बयान की पंचायत के लिए 2 लाख की जो राशि है वो कम है, पर कहा कि ये घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं अगर सरकार में इनकी कोई नहीं सुनता तो छोड़ दे सरकार का साथ। जेजेपी वाले तो कार्यालयों में बैठ कर यह योजना बनाते हैं कि कैसे पैसे एकत्र किए जाएं।
राहुल गांधी की यात्रा के समापन पर सभी विपक्षी दलों को निमंत्रण पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब हमें निमंत्रण मिलेेगा तो पार्टी संगठन इस पर फैसला लेगा। विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री द्वारा विध्वंसक शब्द का उपयोग करने पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 6 अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने पर कहा कि मुझे लगता है कर्मचारियों ने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री ने खुद ही लिखा होगा, इस मामले में स्पीकर को सीएम से भी पूछना चाहिए।
एक ऐसा वक्त था रेलवे का केंद्रीय मंत्री अपना इस्तीफा रेल को पटरी से डिरेल होने पर दे देता था। जैसे लाल बहादुर शास्त्री ने मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे को लेकर बहुत कुछ बोलते हैं लेकिन बेटी की मदद की बजाय संदीप सिंह का पक्ष लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री खुद संदीप सिंह का पक्ष ले रहे हैं
। कहा कि जिस दिन इनेलो सत्ता में आएगी उस दिन इस बात की जांच बिठाऊंगा कि किस तरह से मुख्यमंत्री ने हमारी पार्टी के नेताओं को बीजेपी में शामिल किया और लालच दिया गया। कल को कोई और व्यक्ति आत्महत्या कर लें और मुख्यमंत्री का नाम ले ले तो क्या मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर और एसआईटी बिठाएंगे। इस मामले की सीबीआई से जांच करवाई जाए। ये तो अब मुख्यमंत्री बने हैं, हम तो जब पैदा हुए थे उस वक्त हमारे परिवार का सदस्य मुख्यमंत्री था, आज भी मुख्यमंत्री का काम हमारे परिवार के बिना नहीं चलता।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS