हादसा : किलोमीटर स्कीम की बस ट्राले से टकराई, बच्चे सहित कई सवारी घायल, मची चीख पुकार

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
नारनौल डिपो की किलोमीटर स्कीम की रोडवेज बस कनीना से जयपुर शुक्रवार गई थी। वापिसी में जयपुर के पास मनोहरपुर टोल ( राजस्थान ) के नजदीक एक ट्राला से टकरा गई। इस हादसे में एक बच्चे समेत करीब आठ सवारी घायल हो गई। जिन्हें प्राथमिक उपचार उपरांत के बाद छुट्टी दे दी गई। जानकरी मुताबिक किलोमीटर बस स्कीम कनीना से जयपुर चलती है। सवेरे यह बस करीब पांच बजे जयपुर के लिए गई थी और वापसी में वहां से 11:20 बजे चली थी। करीब डेढ़ बजे मनोहरपुर टोल के समीप ट्राला से उसकी टक्कर हो गई। उस समय बस में सवारियां सीट टू सीट बैठी थी, जिनमें से करीब आठ सवारियां को मामूली चोटें लगी, लेकिन बस क्षतिग्रस्त हो गई।
इस मामले में रोडवेज कर्मचारी यूनियन संबंधित महासंघ एवं एटक के नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने आलोचना की है। उन्होंने बताया कि किलोमीटर स्कीम के अंतर्गत कार्यरत चालक अनुभवहीन होने के कारण रोजाना हादसों को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन बदनाम रोडवेज महकमा हो रहा है। उन्होंने बताया कि नया मामला मनोहरपुर टोल राजस्थान का है। जहां नारनौल डिपो की किलोमीटर स्कीम की बस जयपुर से नारनौल आ रही थी। यही बस रोजाना 4:30 बजे कनीना-जयपुर मार्ग पर चलती है। किलोमीटर स्कीम के बसों के मालिक द्वारा इन बसों का कोई भी कार्य या चेकिंग नहीं करवाई जा रही। उन्होंने बताया कि मालिकों को सिर्फ किलोमीटर पूरे करने और पैसे कमाने से मतलब है। सरकार दिन-प्रतिदिन पत्र जारी करके इन बसों के किलोमीटर बढ़ा रही है, जिससे चालक की कोई जिम्मेवारी नहीं होती है। किलोमीटर स्कीम का मालिक प्रतिदिन मनमर्जी से चालकों की अदला-बदली करता रहता है। दिन-प्रतिदिन बड़े-बड़े हादसे हो रहे हैं और बदनाम हरियाणा रोडवेज हो रही है।
हरियाणा रोडवेज बसों की छवि खराब हो रही
हरियाणा रोडवेज और आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यह कतई बर्दाश्त नहीं होगा। यही नहीं, दिन-प्रतिदिन किलोमीटर स्कीम बसें एक्सीडेंट की शिकार हो रही है। जो हरियाणा रोडवेज बसों की छवि खराब हो रही है। जो कि विश्व के अंदर पहला स्थान ग्रहण करने वाली हरियाणा रोडवेज हैं। प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने बताया हरियाणा रोडवेज में चालक भर्ती होने के लिए चार तरह के टेस्ट लिए जा रहे हैं। इनमें सबसे पहले क्रमानुसार डैग टेस्ट, 8-सेफ, जिग-जैग तथा रोड टेस्ट शामिल हैं। रोड टेस्ट सबसे बाद में खुली सड़क पर ड्राइविंग बस द्वारा लिया जाएगा। सबसे कठिन 8-सेफ टेस्ट होता है। आठ टेस्ट भी बोला जाता है। इसमें चालक को पास होना जरूरी होता है, लेकिन प्रशासन व प्राइवेट मालिकों की मिलीभगत के कारण अनुभवहीन चालकों को किलोमीटर स्कीम की बसों पर नियुक्त किया गया है। अनुभवहीन चालकों के कारण हरियाणा राज्य परिवहन विभाग बदनाम हो रहा है। परिवहन विभाग के नियमानुसार किलोमीटर स्कीम की बसों पर कार्यरत चालक का पहले टेस्ट लिया जाए व वर्दी पहचान पत्र सहित नियम अधिकारियों द्वारा सख्ती से लागू की जाए।
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