आरटीई कानून के अनुसार हरियाणा शिक्षा बोर्ड नहीं ले सकता आठवीं की परीक्षा

आरटीई कानून के अनुसार हरियाणा शिक्षा बोर्ड नहीं ले सकता आठवीं की परीक्षा
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हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वरिष्ठ एडवोकेट अक्षय भान के द्वारा याचिका दायर करवाई जिसमें हमारे सीनियर एडवोकेट ने केन्द्रीय आरटीइ एक्ट के अनुच्छेद 30 के अनुसार देश में कोई भी बोर्ड किसी भी बच्चे की 6 से 14 वर्ष एवं आठवीं कक्षा तक बोर्ड की परीक्षा आयोजन नहीं कर सकता।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट विजेन्द्र मान ने बताया कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा आठवीं कक्षा की परीक्षा लेने की जो तैयारी की जा रही थी वह आरटीई एक्ट के अनुच्छेद 30 की अवहेलना है। जिसके परिणामस्वरूव हरियाणा के एडवोकेट जनरल बी आर महाजन ने हाईकोर्ट को बताया कि अभी इस निर्णय का मूल्यांकन किया जा रहा है। इसलिए अभी परीक्षा लेने का अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन हरियाणा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष जगबीर सिंह आर्य निरंतर जिला शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारियों को उनके तहत आने वाले निजी स्कूलों लगातार आठवीं कक्षा के बच्चों को बोर्ड में पंजीकृत करने का आदेश दे रहे हैं, जो कि गलत है।

इसी विषय को लेकर हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वरिष्ठ एडवोकेट अक्षय भान के द्वारा याचिका दायर करवाई जिसमें हमारे सीनियर एडवोकेट ने केन्द्रीय आरटीइ एक्ट के अनुच्छेद 30 के अनुसार देश में कोई भी बोर्ड किसी भी बच्चे की 6 से 14 वर्ष एवं आठवीं कक्षा तक बोर्ड की परीक्षा आयोजन नहीं कर सकता। माननीय उच्च न्यायालय ने सीनियर एडवोकेट अक्षय भान के निवेदन पर हरियाणा शिक्षा बोर्ड को आदेश किया कि याचिकाकर्ता एसोसिएशन से संबंधित प्राइवेट विद्यालयों को आठवीं के विद्यार्थियों को बोर्ड की परीक्षा के लिए पंजीकृत करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।


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