इस रिपोर्ट की मानें तो हरियाणा में बेरोजगारी का बुरा हाल, कुमारी सैलजा, दीपेंद्र हुड्डा सरकार पर लाल

हरिभूमि न्यूज। रोहतक
सीएमआईई की जून माह की रिपोर्ट में पूरे देश में बेरोजगारी की दर हरियाणा में सबसे ज्यादा है। इसके बाद त्रिपुरा का नंबर आता है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जहां प्राइवेट उद्योग धंधों में हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत नौकरी देने का एजेंडा कैबिनेट में पास करवा चुके हैं और इस मुद्दे पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं ऐसे में ये रिपोर्ट सरकार के लिए परेशानी खडी करने वाली है। इस मामले को लेकर विपक्ष के नेताओं ने हरियाणा सरकार को घेरा भी है।
75 प्रतिशत हरियाणवी को नौकरी देने के मामले में दुष्यंत चौटाला खासे उत्साहित हैं और खुद व उनके समर्थकों ने इसे उनके चुनावी वादे की जीत बताते हुए एक अभियान छेडा हुआ है।
आज युवाओं के लिए एतिहासिक दिन है !! हमारी सरकार ने हरियाणा की प्राइवेट नौकरियों में 75% हरियाणवी युवाओं की भर्ती को अनिवार्य करने के अध्यादेश के प्रारूप को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है.#RojgarMeraAdhikar pic.twitter.com/ACjwb6dPO7
— Dushyant Chautala (@Dchautala) July 6, 2020
इस बारे में राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा कहा कहना है कि सीएमआईई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा बेरोज़गारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर है। हरियाणा के 33.6 प्रतिशत लोग आज बेरोज़गारी का सामना कर रहे हैं। ये देश के बेरोज़गारी औसत 11 प्रतिशत का 3 गुना है। चिंता बढ़ाने वाली बात है कि हरियाणा बेरोज़गारी दर में यूपी-बिहार जैसे राज्यों से भी आगे निकल गया है।
देश के किस प्रदेश में कितनी बेरोज़गारी की रिपोर्ट में जून की तिमाही में एक बार फिर हरियाणा ने टाप किया है पूरी 33.6% बेरोज़गारी के साथ।
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) July 8, 2020
ये नया नम्बर 1 हरियाणा है।
इस सरकार ने 6 साल बर्बाद कर दिए प्रदेश के, न कोई निवेश आया, न बड़ा infrastructure प्रोजेक्ट।#HaryanaDeservesBetter pic.twitter.com/DHv6cygxbT
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा के 6 साल बर्बाद कर दिए हैं। 6 साल पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान प्रति व्यक्ति आय, निवेश, रोजगार सृजन और बड़ी परियोजना की स्थापना जैसे विकास के तमाम पैमानों के हिसाब से हरियाणा पहले पायदान पर था। लेकिन बीजेपी सरकार ने नंबर वन हरियाणा के टैग को सिर के बल खड़ा कर दिया है। उसने हरियाणा को आज बेरोज़गारी, अपराध, नशे और प्रदूषण के मामले में टॉप पर पहुंचा दिया है।
सांसद दीपेंद्र ने कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश में ना कोई बड़ा निवेश हुआ और ना ही कोई बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लगा। इसलिए रोज़गार सृजन नहीं हो पाया। सरकारी महकमों में भी नाममात्र की भर्तियां की गई। जबकि हज़ारों वैकेंसी खाली पड़ी हुई हैं लेकिन सरकार भर्ती नहीं निकाल रही है। अपनी इसी विफलता को ढकने के लिए सरकार की तरफ से नए-नए जुमले गढ़े जा रहे हैं। प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण का दावा सिर्फ एक जुमला है। ये जुमला भी मौजूदा उद्योगों पर लागू नहीं होता। ये सिर्फ़ भविष्य में लगने वाले उद्योगों के लिए बनाया गया है। इसमें भी उद्योगों को आरक्षण से बचने का रास्ता दे दिया गया है। पॉलिसी में कहा गया है कि अगर किसी उद्योग को हरियाणा से पारंगत श्रमिक ना मिलें तो वो बाहर वालों को नौकरी दे सकता है।
सरकार को ऐसे जुमले गढ़ने की बजाए निवेश और रोजगार सृजन पर ज़ोर देना चहिए। लेकिन बीजेपी सरकार में नया निवेश होने के बजाय, यहां पहले से स्थापित उद्योग भी पलायन कर रहे हैं। सरकार नौकरियां देने की बजाए लोगों को नौकरी से हटाने में लगी है। यही वजह है कि साल दर साल हरियाणा बेरोज़गारी के नए आयाम छू रहा है। ये बीजेपी का नया नम्बर वन हरियाणा है।
वहीं भाजपा हरियाणा इकाई इन आंकडों से अलग मुख्यमंत्री मनोहर लाल को हरियाणा का ताऊ बताते हुए अभियान चला रही है कि 75 प्रतिशत नौकरियां देकर उन्होंने बहुत बडा काम किया है। इस ट्वीट को मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट किया है लेकिन रिपोर्ट पर अभी तक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
संकट में बन रहा हर वर्ग की ढाल हमारा ताऊ मनोहर लाल l
— Haryana BJP (@BJP4Haryana) July 8, 2020
निकाले नहीं जाएंगे निजी क्षेत्र में पहले से लगे कर्मचारी@mlkhattar pic.twitter.com/VSwG0GqGTv
इस पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष व कुमारी सैलजा ने भी हरियाणा सरकार पर तंज कसते हुए कहा है ि हरियाणा सरकार की एक और उपलब्धि है।
हरियाणा सरकार की एक और उपलब्धि :-
— Kumari Selja (@kumari_selja) July 8, 2020
बेरोजगारी ने हरियाणा प्रदेश को दिलाया देश में प्रथम स्थान।
आखिर कब तक हरियाणा सरकार की विफलताएं प्रदेश के युवाओं पर कहर बनकर बरसती रहेंगी ? pic.twitter.com/13Pf8TmqnZ
इस संबंध में हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग का कहना है कि हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लेना कि प्रदेश में प्राइवेट सेक्टर व नए उद्योग जो स्थापित होगे उसमें 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के युवाओं को देने का एक्ट बनाने की बात कही है। जबकि सरकार की गलत नीतियों के कारण हरियाणा में उद्योग धंधे पहले ही लगभग 35 प्रतिशत ही रह गए हैं। जब हरियाणा में नया उद्योग ही नहीं लगेगे तो युवाओं को रोजगार कहा से मिलेगा। हरियाणा में नए उद्योग स्थापित करने के लिए सबसे पहले उद्योगपतियों के लिए नई उद्योग पॉलिसी बनाकर उन्हें उद्योग लगाने के लिए सस्ती जमीन, मशीनों पर सब्सिडी, कम दरों पर बिजली देने, प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने की योजना बनानी चाहिए।
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