अकाउंटेंट ने फैक्टरी के अकाउंट में 95 लाख रुपये का किया फर्जीवाड़ा

अकाउंटेंट ने फैक्टरी के अकाउंट में 95 लाख रुपये का किया फर्जीवाड़ा
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हरियाणा राज्य के यमुनानगर में दवाइयों की फैक्टरी के अकाउंटेंट ने फैक्टरी के खाते में फर्जीवाड़ा करके 95 लाख रुपये की हेराफेरी कर दी। फैक्टरी संचालकों की शिकायत पर आरोपित अकाउंटेंट के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कर लिया।

हरियाणा राज्य के यमुनानगर में दवाइयों की फैक्टरी के अकाउंटेंट ने फैक्टरी के खाते में फर्जीवाड़ा करके 95 लाख रुपये की हेराफेरी कर दी। फैक्टरी संचालकों की शिकायत पर आरोपित अकाउंटेंट के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कर लिया। वहीं एक अन्य स्थान पर जमीन बेचने के नाम पर 35 लाख रुपये का ब्याना लेकर हड़पने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक जगाधरी के सेक्टर-17 निवासी नवदीप ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने कालाआंब में दवाइयों की फैक्टरी लगा रखी है। फैक्टरी का कार्यालय उन्होंने सेक्टर-17 में बनाया हुआ है। उन्होंने अपने कार्यालय में फैक्टरी का हिसाब किताब रखने के लिए कालपी के नजदीक निवासी हरप्रीत सिंह को अकाउंटेंट के पद पर रखा हुआ है। कुछ समय पहले आरोपित हरप्रीत सिंह नौकरी छोड़कर चला गया।

इस दौरान फैक्टरी के अकाउंट का आडिट हुआ तो 95 लाख रुपये की हेराफेरी पाई गई। जांच में पता चला कि आरोपित ने उनके चेक पर धोखे से हस्ताक्षर करवाकर पैसे किसी के खाते में ट्रांसफर करवा दिए। वहीं उनकी एंट्री को भी छुपाया गया। पुलिस आरोपित हरप्रीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कर लिया।

तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज

जानकारी के मुताबिक पानीपत निवासी दुष्यंत ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वर्ष 2012 में वह कुछ जमीन खरीदना चाहता था। इस दौरान उसकी मुलाकात साहा निवासी अशोक कुमार से हुई। अशोक ने उस समय उसे बताया कि गांव पाबनी निवासी रचना देवी और जगदीप सिंह अपनी जमीन बेचना चाहते हैं । अशोक के कहने पर उसने रचना और जगदीप की जमीन देखी तो वह उसके पसंद आ गई।

उन्होंने उस समय 74 कनाल जमीन का सौदा दो करोड़ 77 लाख 50 हजार रुपये में कर लिया। सौदा होने पर उसने आरोपितों को बयाना के रुप में 35 लाख रुपये दे दिए। आरोप है कि वादे के मुताबिक आरोपितों ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवाई। उन्होंने आरोपितों से विरोध जताया तो उन्होंने कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दिया। परेशान होकर उसने आरोपितों के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर उक्त तीनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कर लिया।


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