Acharya Devvrat बोले : गुजरात की तर्ज पर हरियाणा में भी चलाएंगे जहरमुक्त प्राकृतिक खेती मुहिम

- प्राकृतिक खेती को देखने गुरुकुल में पहुंचे गुजरात के मुख्य सचिव और 33 जिलों के उपायुक्त
- प्राकृतिक खेती करने वालों का बढ़ेगा आंकड़ा, संपर्क में हैं हरियाणा के किसान
Kurukshetra : गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक और वर्तमान में दुनिया भर में प्राकृतिक खेती का डंका बजाने वाले गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत हरियाणा में भी प्राकृतिक खेती मुहिम चलाएंगे। पहले हिमाचल प्रदेश और अब गुजरात में बतौर राज्यपाल लाखों किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़कर उनके जीवन में आर्थिक और सामाजिक सुधार करने वाले आचार्य देवव्रत के सम्पर्क में हरियाणा के सैकड़ों किसान है। बहुत से किसानों ने उनकी प्रेरणा से प्राकृतिक खेती करना आरम्भ भी कर दिया है। आने वाले समय में यह आंकडा सैकड़ों से हजारों में होगा।
गुजरात से मुख्य सचिव सहित 33 जिलाें से उपायुक्तों सहित अन्य अधिकारियों का शिष्ट मंडल गुरुकुल पहुंचा, जहां उन्होंने प्राकृतिक खेती फार्म सहित गुरुकुल के विभिन्न प्रकल्पों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा धान और गेंहू की फसल होती है। इन फसलों में पानी की खपत भी बहुत ज्यादा है, इसलिए हरियाणा के कई क्षेत्रों में जल-स्तर लगातार गिरता जा रहा है और कई क्षेत्र तो डार्क जोन में है। यदि समय रहते किसानों ने रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती को नहीं अपनाया तो आने वाले समय में यहां पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं होगा। प्राकृतिक खेती संवाद में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरिओम ने प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक पहलू को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया। साथ ही गुरुकुल के फार्म पर प्राकृतिक खेती से धान, गेंहू, गन्ना व अन्य फसलों के उत्पादन का ब्यौरा अधिकारियों के समक्ष रखा।
गुजरात में लाखाें किसानों ने प्राकृतिक खेती पद्धति को अपनाया
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि गुजरात में अभी तक 8,71,000 किसानों ने प्राकृतिक खेती पद्धति को अपनाया है। अगले दो वर्षों में हमें गुजरात को पूरी तरह से जहरमुक्त खेती वाला प्रदेश बनाना है। हम एक ऐसा राज्य बनाना चाहते हैं जहां पूरा देश गुजरात से प्रेरणा लें। जिस प्रकार योग से पूरे विश्व में भारत ने एक विशिष्ट पहचान बनाई है, उसी प्रकार प्राकृतिक खेती से भी विश्व स्तर पर भारत की एक विशिष्ट पहचान बनाने के लिए गुजरात दुनिया को संदेश देगा। इसके लिए जरूरत पड़ी तो वह 24 घंटे काम करने को तैयार हैं। गुजरात में प्राकृतिक खेती पद्धति का विस्तार हो रहा है और 7.31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा रही है। कृषि विभाग द्वारा अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पिछले चार महीनों में 12,64,000 किसानों को उनके घर पर ही प्रशिक्षण दिया गया। अब तक 8,441 गांव ऐसे हैं जिनमें 75 से अधिक किसानों ने प्राकृतिक कृषि प्रणाली अपनाई है।
अधिकारियों का गुरुकुल पहुंचने पर किया स्वागत
गुरुकुल में पहुंचने पर गुजरात के विभिन्न जिला के उपायुक्तों और जिला विकास अधिकारियों का ओएसडी टू गर्वनर डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार, प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक ब्रिगेडियर प्रवीण कुमार, प्राचार्य सूबे प्रताप, व्यवस्थापक रामनिवास आर्य व डॉ. हरिओम द्वारा अभिनन्दन किया गया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत के मार्गदर्शन में सभी अतिथियों का दल गुरुकुल की गोशाला, एनडीए विंग, आईआईटी विंग होते हुए आर्ष महाविद्यालय पहुंचा। उन्होंने मात्र 3 गायों से गुरुकुल में गोशाला की शुरूआत की थी जिसमें वर्तमान में लगभग 200 देशी नस्ल की दुधारू गाय हैं। एनडीए विंग की बात करें तो इस वर्ष गुरुकुल के 14 बच्चें एनडीए में गए है जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 44 बच्चे एनडीए के माध्यम से आर्मी में लेफ्टिनेंट और वायुसेना में फ्लाइंग आफिसर बने हैं। सभी अधिकारियों ने गुरुकुल परिसर का बारीकी से अवलोकन किया, इस दौरान ग्राउंड में बच्चे फुटबाल खेलते नजर आए, मल्लखम और योगासन के खिलाड़ी अपना अभ्यास करते दिखे।
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