ACS राजीव अरोड़ा ने कैथल में एसएमओ को किया सस्पेंड, इस मामले में गिरी गाज

हरिभूमि न्यूज : कैथल
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजीव अरोड़ा ने कहा कि सरकारी संस्थानों में डिलिवरी के लिए व्यापक व्यवस्था है। सभी संबंधित सीएमओ ज्यादा से ज्यादा सरकारी संस्थानों में डिलिवरी करवाएं। संज्ञान में आया है कि कुछ एएनएम गर्भवती महिलाओं को प्राईवेट अस्पताल में रेफर करने में संलिप्त होती हैै, ऐसी एएनएम के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाए। उपायुक्त व अन्य अधिकारी 15 दिनों में सीएचसी व पीएचसी का दौरा करते रहें। डॉक्टर्स ब्रांड की बजाए सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध साल्ट बेस दवाईंया मरीजों के लिए लिखें, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नही हो।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा कोयल कॉम्पलैक्स के हॉल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे थे। इस मौके पर सीएचसी कौल के एसएमओ के स्वास्थ्य सेवाओं का ठीक कार्य नहीं करने व बैठक में नहीं पहुंचने आदि विषय को लेकर सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इसके साथ-साथ दवाइयों के वेयरहाउस इंचार्ज डॉक्टर द्वारा स्टॉक सप्लाई व रिकार्ड दुरूस्त नहीं रखने पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
सीएचसी व पीएचसी में शेडयूल वाईज डयूटी लगाई जाए
जिला में जिन सीएचसी व पीएचसी में डैंटल सर्जन नहीं है, वहां जिला स्तर पर कार्यरत सर्जनों की शेडयूल वाईज डयूटी लगाई जाए। एएनएम और आशा की परफोरमैंस नजर आनी चाहिए। सिविल सर्जन सोशलाईजेशन कम करें और काम पर अधिक ध्यान दें। ड्रग कंट्रोलर एक सप्ताह में उन प्राईवेट कैमिस्ट की रिपोर्ट दें, जहां से ब्रांडेड दवाईंया ली जा रही हैं, जो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर लिख रहे हैं, जबकि उसी साल्ट की दवाइया सरकारी अस्पताल में मौजूद हैं तो क्यों आमजन के पैसे की बर्बादी की जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित एनीमिया, ब्लड प्रेशर चैक, टीबी मुक्त आदि अभियान केवल औपचारिकता से नहीं चलाएं, बल्कि धरातल पर भी नजर आने चाहिए।
एसीएस डॉ. राजीव अरोड़ा ने किया सरकारी अस्पताल का निरीक्षण
स्वास्थ्य विभाग के एसीएस डॉ. राजीव अरोड़ा ने सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिरसर के साथ-साथ सभी वार्डों, शौचालयों में साफ-सफाई की बेहत्तरीन व्यवस्था होनी चाहिए। सरकारी अस्पताल में जरूरतमंद लोग बड़ी आशा लेकर ईलाज के लिए आते हैं, उसी के अनुरूप सभी को स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए। डयूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीजों को सभी दवाइयां अस्पताल से ही मिलनी चाहिए, ताकि सभी को स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ के साथ-साथ उनके धन की बचत हो। एसीएस ने अस्पताल में विभिन्न वार्डों का दौरा किया और ईलाज के लिए आए मरीजों का कुशलक्षेम भी जाना।
1250 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया जारी
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कमी को देखते हुए हरियाणा में लगभग 1250 डॉक्टरों की भर्तियों की प्रक्रिया जारी हैं। उनका परिणाम भी घोषित कर दिया गया है। इनका डोक्यूमेंट वैरीफिकेशन का काम चल रहा है। जल्द ही पूरी प्रक्रिया करके कैथल में भी डॉक्टर्स की नियुक्ति की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक सुधार होगा। इसके साथ-साथ नैशनल हैल्थ मिशन के द्वारा भी 750 सीएचओ ( कम्युनिटी हैल्थ आफिसर ) की भी परीक्षा के बाद परिणाम घोषित कर दिया गया है। इनका डोक्यूमेंट वैरीफिकेश का काम चल रहा है।
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