ACS संजीव कौशल बोले, इस साल 1500 सीएचसी बनाएंगें, 80 फीसद तक मिलेगी वित्तीय सहायता, पढ़ें आगे

चंडीगढ़
हरियाणा सरकार एक बार फिर कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित करने के अपने वार्षिक लक्ष्य को पार करने के लिए तैयार है, जिसके तहत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण प्रदान किये जाएंगे। इस वर्ष 1,500 सीएचसी, जो निर्धारित लक्ष्य से लगभग दोगुने हैं, को परियोजना लागत के 80 प्रतिशत की वित्तीय सहायता के साथ स्थापित किया जाएगा।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल (Sanjeev Kaushal) ने आज यहां बताया कि पहले 820 सीएचसी स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था, जबकि इस बार किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए 1,500 ऐसे केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सीएचसी से मशीनरी किराए पर लेने के लिए छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे किसान कृषि यंत्रों को आसानी से उपयोग करने में सक्षम हों और वे अवशेष जलाने के विरुद्ध राज्यव्यापी अभियान में भाग लें। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पिछले साल जलने वाले फसल अवशेषों की घटनाओं के आधार पर लाल और पीले/नारंगी जोनों में प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पिछले साल भी हरियाणा सरकार ने 1,300 सीएचसी के लक्ष्य के विरुद्ध 1,685 सीएचसी की स्थापना की थी, जोकि लक्ष्य के मुकाबले 129.61 प्रतिशत की उपलब्धि है।
एसीएस कौशल ने बताया कि राज्य में वर्ष 2018 व 2019 के दौरान 24,705 मशीनें लगाई गई हैं, जिनमें से 8,777 मशीनें व्यक्तिगत हैं और 15,928 मशीनें 2,879 सीएचसी के साथ हैं। सरकार ने बिना किसी कीमत पर सीएचसी की स्थापना के लिए ग्राम पंचायतों को भी शामिल किया था। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों की सहायता से सबसे कमजोर गांवों में स्थापित 851 सीएचसी छोटे और सीमांत किसानों को नि:शुल्क फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी मुहैया करा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने 'फसल के लिए कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना' योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों के वितरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य का 95 प्रतिशत से अधिक हासिल किया था।
इस वर्ष, राज्य सरकार ने उन सभी 11,311 व्यक्तिगत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने वर्तमान सीजन में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत कृषि उपकरणों के लिए आवेदन किया है, जिस पर 50 प्रतिशत की दर से लगभग 155 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
विभाग द्वारा 454 बेलर, 5,820 सुपर सीडर, 5,418 जीरो टिल सीड ड्रिल, 2,918 चौपर्स /मल्चर्स, 260 हैप्पी सीडर, 389 स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, 64 रोटरी स्लैशर्स/श्ररब मास्टर्स, 454 रिवर्सेबल मोल्ड प्लॉवर्स और 288 रीपर लाभार्थियों को प्रदान किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 21 अगस्त तक व्यक्तिगत किसानों और समितियों से कृषि उपकरणों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिनमें व्यक्तिगत श्रेणी में 2,741 के लक्ष्य के विरुद्ध 16,647 उपकरण के लिए 11,311 किसानों ने आवेदन किया है।
राज्य में फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु 1,304.95 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए हैं। इस वर्ष इस योजना के तहत केन्द्र सरकार ने राज्य को 170 करोड़ रुपये प्रदान किये हैं।
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