मंत्री कमलेश ढांडा का एक्शन : पंचायती जमीन से पेड़ काटने पर बीडीपीओ, SHO और नंबरदार सस्पेंड

हरिभूमि न्यूज : कुरुक्षेत्र
कुरुक्षेत्र में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं जिला लोक एवं कष्ट निवारण समिति की चेयरमैन कमलेश ढांडा ने एजेंडे की 12 शिकायतों में 7 शिकायतों का मौके पर निपटारा किया। चेयरमैन कमलेश ढांडा ने गांव अजमतपुर में पंचायती जमीन से पेड़ काटने के मामले में लापरवाही बरतने के विषय को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन बीडीपीओ, एसएचओ और नंबरदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं सभी अधिकारियों को यह भी सख्त आदेश दिए गए कि लोगों की शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाए, अगर अधिकारी समय रहते शिकायतें सुनकर निपटारा करेंगे तो लोगों को तुरंत न्याय मिल सकेगा। अगर भविष्य में कोई भी अधिकारी शिकायतों के निपटान में देरी करने में दोषी पाया गया तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के समक्ष जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के सदस्य मंदीप सिंह विर्क ने गांव अजमतपुर में पंचायती जमीन से पेड़ काटने की शिकायत को रखा और पेड़ काटने के मामले के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस शिकायत पर पुलिस प्रशासन और डीडीपीओ द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और इस जांच रिपोर्ट में पंचायती जमीन से 31 पेड़ काटने के तथ्य सामने आए हैं। हालांकि इस जांच रिपोर्ट मे नंबरदार द्वारा शपथ पत्र देकर पंचायती जमीन पर पेड़ ना होने की बात कही गई। इस विषय पर जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के सभी सदस्यों ने लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात रखी। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने इस्माईलाबाद के तत्कालीन बीडीपीओ, तत्कालीन झांसा एसएचओ और संबंधित गांव के नंबरदार को सस्पेंड करने के निर्देश दिए।
जेई को चार्जशीट और एसडीओ को कारण बताओ नोटिस
मंत्री कमलेश ढांडा के समक्ष गांव जडोला निवासी खजान सिंह द्वारा छोटे भाई बिजली कर्मचारी सकीन सिंह की करंट लगने से मौत होने शिकायत को पिछली कई मीटिंग से रखा जा रहा था। राज्यमंत्री ने परिवार के सदस्यों को न्याय दिलाने के लिए कई बार पुलिस अधिकारियों, बिजली विभाग के अधिकारियों से जांच करवाई, लेकिन परिजन संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद राज्यमंत्री ने यूएचबीवीएन पंचकूला के प्रबंधक निदेशक को जांच के आदेश देते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। इन आदेशों के बाद एमडी की तरफ से एसई राजीव आनंद ने इस पूरे मामले की जांच की और इस जांच में परिजनों के साथ-साथ कष्ट निवारण समिति के सदस्य रामपाल पाली को भी शामिल किया। इस जांच रिपोर्ट में फोरमैन जंग बहादुर की गलती होने की बात सामने आई है, लेकिन इस कर्मचारी की सेवानिवृति के बाद मृत्यु हो चुकी है और यह तथ्य सामने आए है कि कर्मचारी की करंट लगने से ही मौत हुई। इस मामले में बिजली विभाग ने कार्रवाई करते हुए तत्कालीन जेई को चार्जशीट करने और एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा बिजली विभाग की तरफ से मृतक के परिजनों को 48 लाख का मुआवजा दिया जा चुका है और अदालत में 1 करोड़ के मुआवजा राशि तथा परिवार के सदस्य को नौकरी देने का मामला लंबित है। राज्यमंत्री ने शिकायत कर्ता और परिवार के सदस्यों को यह भी आश्वासन दिया कि उपायुक्त और बिजली विभाग के कर्मचारी बैठकर शिकायत कर्ता को संतुष्ट करेंगे।
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