दीपावली के बाद आदमपुर उपचुनाव में भाजपा करेगी विपक्ष पर बड़ा अटैक, मुख्यमंत्री सहित अनेक दिग्गज करेंगे ताबड़तोड़ रैलियां

आदमपुर विधानसभा उपचुनाव में जीत को ऐतिहासिक बनाने के प्रयास में जुटी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी दीपावली के बाद विपक्ष पर बड़ा अटैक करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित पार्टी के अनेक दिग्गज यहां पर डेरा डाल देंगे वहीं साथ में सहयोगी दल जजपा भी भव्य के लिए वोट मांगती नजर आएगी। अपनी रणनीति को सिरे चढ़ाने की योजना के तहत भारतीय जनता पार्टी ने तमाम दिग्गजों की ड्यूटियां निर्धारित कर दी है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों की माने तो आदमपुर उपचुनाव में जीत निश्चित मानकर भी भारतीय जनता पार्टी इसे गंभीरता से इसलिए ले रही है कि उसे बरौदा व ऐलनाबाद में हुई हार का बदला लेकर विपक्ष को चारोें खाने चित्त करना है। भाजपा यहां पर न केवल विपक्ष को चित्त करने बल्कि क्लीन स्वीप करने के प्रयास है और जीत निश्चित मानकर ही पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को एक लाख वोट पार करवाने का टारगेट दिया है। बताया जा रहा है कि अब तक के प्रचार अभियान के तहत पार्टी फील्ड का फीडबैक ले रही थी, जिसके तहत उसे पार्टी प्रत्याशी की जीत में कोई संदेह नजर नहीं आ रहा। दीपावली के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अन्य दिग्गज क्षेत्र में ताबड़तोड़ रैलियां करके चुनावी माहौल को पूरी तरह से भव्य के पक्ष में करने के लिए ताकत झोंकेंगे। बताया जा रहा है कि दौरों के दौरान मुख्यमंत्री न केवल विपक्ष पर हमलावर होंगे बल्कि भाजपा सरकार द्वारा करवाए गए विकास कार्यों का ब्यौरा व कांग्रेस की हुड्डा सरकार द्वारा किए गए भेदभाव को भी जनता के समक्ष रखेंगे।
जहां तक कांग्रेस का सवाल है, पार्टी ने जयप्रकाश को मजबूत जानकर प्रत्याशी बनाया था लेकिन हुड्डा गुट के अलावा कोई गुट उनके साथ नहीं आया। प्रत्याशी चयन में वरिष्ठ नेताओं की राय न लेने का आरोप पार्टी की वरिष्ठ नेत्री किरण चौधरी पहले ही दिन लगा चुकी है वहीं शैलजा व रणदीप सुरजेवाला के समर्थक भी चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ कांग्रेस प्रत्याशी की हालत पर पहले ही चुटकी ले चुके हैं कि जयप्रकाश की वही हालत होने वाली है जो जींद में रणदीप सुरजेवाला की हुई थी। रणदीप उस समय आम चुनाव के लिए कैथल से टिकट की आस लगाए बैठे थे लेकिन उन्हें जींद उपचुनाव की टिकट दे दी गई और पार्टी की अदंरूनी कलह के चलते उनकी जमानत जब्त हो गई। इसी तरह जयप्रकाश अब कलायत से अपनी या अपने बेटे की टिकट लाने की जुगत में थे लेकिन उन्हें आदमपुर से टिकट दे दी गई। अब हालत क्या होनी वह सबको पता है।
इनेलो प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला द्वारा पिछले तीन—चार दिनों से की गई ताबड़तोड़ सभाओं के चलते इनेलो उम्मीदवार कुरड़ाराम नंबरदार को काफी राहत मिली है। इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला की छवि आज भी मजबूत जाट नेता के रूप में रही है और चौ. देवीलाल के राजनीतिक वारिश के रूप में उन्हें आज भी पार्टी के परम्परागत वोटों की वो मदद मिलती रही है। यही नहीं, कुरड़ाराम नंबरदार द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर बालसमंद क्षेत्र के गांवों की विभिन्न मांगों को पूरा करवाने के लिए किए गए आंदोलनों के कार वे खुद भी जनता से सीधे जुड़े हैं और बालसमंद बेल्ट में उन्होंने अपना व्यक्तिगत प्रभाव भी बढ़ाया है।
जहां तक आम आदमी पार्टी का सवाल है तो सतेन्द्र सिंह सहित पार्टी के कई बड़े नेता शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व पानी जैसे मुद्दों का जिक्र लगातार कर रहे हैं । वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आदमपुर क्षेत्र में एक बड़ी रैली कर सकते हैं।
अब देखना है कि अपनी आक्रामक कार्यशैली व मजबूत संगठन के चलते भाजपा अपने टारगेट को हासिल करने में कितना सफल होती है और कांग्रेस अंदरूनी कलह से उबर पाती है या नहीं। यह भी देखने वाली बात होगी कि इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के दौरों के बाद बनी मजबूत स्थिति को कुरड़ाराम नंबरदार कायम रख पाते हैं या नहीं और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सतेन्द्र सिंह अपनी स्थिति में कितना सुधार करते हैं। कुल मिलाकर नरमा चुगाई के सीजन के बावजूद भाजपा ने अपनी आक्रामकता के चलते इस चुनाव को रोचक बना दिया है।
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