Adampur By-Election : आदमपुर में मतदाताओं की चुप्पी ने चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ाईं

शमशेर सैनी/हिसार : आदमपुर उपचुनाव में आज मतदान के साथ ही चुनावी रण में उतरे 22 प्रत्याशियों को भाग्य ईवीएम में कैद हो जाएगा। वोटिंग से पहले पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के अभेद दुर्ग में मतदाताओं की चुप्पी ने चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों तथा राजनीतिक पार्टियों में धड़कनें बढ़ा दी है। प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के दौरान नुक्कड़ सभाओं में अच्छी भीड़ देखी गई, लेकिन मतदाता खुले तौर पर किसी का समर्थन या फिर किसी की बगावत करते नहीं दिखाई दिए। मतदाताओं का यहीं रूख सियासी दलों की टेंशन को बढ़ा रहा है। उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई तथा कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश के बीच माना जा रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सतेंद्र सिंह तथा इनेलो प्रत्याशी कुरड़ाराम नंबरदार भी अपनी तरफ से पूरा जोर लगाए हुए है, ये दोनों किसी प्रत्याशी के समीकरण बनाते और किस के बिगाड़ते हैं, यह बृहस्पतिवार मतदान के बाद 6 नवंबर को होने वाली मतगणना में सबके सामने आ जाएगा।
दादा का गढ़ बचाने भव्य के लिए चुनौती
पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल का गढ़ बचाने की चुनौती उनके पोते एवं भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई के सामने खड़ी हो गई है। गढ़ बचाने के लिए पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई रूठे मतदाताओं को मनाने में लगे हैं। यहां तक कि कुलदीप ने चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में अपनी मां एवं चौधरी भजनलाल की धर्मपत्नी जसमा देवी तक को भी उतार दिया है। चुनाव प्रचार समाप्त होने से पूर्व कुलदीप बिश्नोई खुद पूरे परिवार की तरफ से आदमपुर की जनता से किसी भी तरह की नाराजगी के लिए माफी तक मांग चुके हैं। उनकी माफी मांगने का असर मतदाताओं पर कितना पड़ा, यह चुनावी नतीजों में साफ हो जाएगा।
उपचुनावों में हार की हैट्रिक रोकने उतरा गठबंधन
आदमपुर उपचुनाव में प्रदेश की गठबंधन सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। गठबंधन सरकार में प्रदेश में अब तक बरोदा तथा ऐलनाबाद विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ है। दोनों ही उपचुनाव में गठबंधन सरकार को हार का मुंह देखना पड़ा है। भाजपा-जजपा गठबंधन ने आदमपुर उपचुनाव में जीत का स्वाद चखने के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन गठबंधन ने आदमपुर अनाजमंडी में रैली कर विपक्ष को अपनी एकजुटता का प्रमाण देने का प्रयास किया था। इसके साथ ही गठबंधन 2024 के आम विधानसभा चुनाव से पहले आदमपुर उपचुनाव को जीतकर अपनी लोकप्रियता पर मोहर लगाना चाहेगा।
हार का बदला लेने उतरे जेपी
आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश वर्ष 2009 में कुलदीप बिश्नोई के हाथों मिली हार का बदला लेने के लिए मैदान में उतरे हैं। वर्ष 2009 में जयप्रकाश तथा कुलदीप बिश्नोई के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था, लेकिन कुलदीप अपने पिता के गढ़ आदमपुर को बचाने में कामयाब हो गए थे। जेपी करीब 6 हजार वोटों के अंतर से हारे थे। वर्तमान में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने उपचुनाव में प्रचार में दिन-रात एक करते हुए जेपी को कांटे में मुकाबले में ला खड़ा कर दिया है।
आदमपुर में अब तक 3 उपचुनाव, सभी में भजन परिवार जीता
आदमपुर के राजनीति पृष्टभूमि पर नजर दौड़ाई जाए तो अब तक आदमपुर में तीन बार उपचुनाव हुए है। तीनों में पूर्व सीएम भजनलाल या फिर उनके परिवार के सदस्यों ने जीत हासिल की है। आदमपुर में पहला उपचुनाव वर्ष 1998 में हुआ था, उसमें कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस की टिकट पर जीत दर्ज कर पहली बार हरियाणा विधानसभा में पहुंचे थे। दूसरा उपचुनाव वर्ष 2008 में पूर्व सीएम भजनलाल द्वारा कांग्रेस का अलविदा करने पर हुआ था। इस उपचुनाव चौधरी भजनलाल ने हजकां की टिकट से चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की थी। पूर्व सीएम भजनलाल के निधन के बाद वर्ष 2011 में आदमपुर में तीसरा उपचुनाव हुआ और कुलदीप बिश्नोई की धर्मपत्नी रेणुका बिश्नोई ने जीत दर्ज कर अपनी राजनीति पारी की शुरुआत की थी। वर्तमान में आदमपुर में चौथा उपचुनाव हो रहा है। अब देखने यह है कि पूर्व सीएम भजनलाल के पोते एवं भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई पहली बार विधानसभा पहुंच पाते हैं, या फिर नहीं।
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