ऑटो चालकों की मनमानी के आगे प्रशासन बेबस, नहीं लगी नई किराया लिस्ट

- हर दिन लोग हो रहे ऑटो चालकों के हाथों ठगी का शिकार
- ऑटो चालक पहले की तरह ही ले रहे हैं शहर में 20 रुपये किराया
- ऑटो यूनियन की मनमानी के आगे शहर के लोगों की सुनने वाला नहीं
हरिभूमि न्यूज. जींद
इसे ऑटो यूनियनों की मनमानी कहें या फिर प्रशासन की ढिलाई। चाहे जो भी कह लो खामियााज जींद की जनता को भुगतना पड़ रहा है। मार्च माह में ऑटो रिक्शा यूनियन जींद और हरियाणा प्रदेश ऑटो रिक्शा कल्याण संघ ने अपने-अपने कार्यालयों में बैठके कर शहर के लिए किराया निर्धारित किया था। जिसके हिसाब से किराये के दो स्लैब बनाए गए थे। शहर में कम से कम दस तथा अधिक से अधिक 20 रुपये किराया निर्धारित था लेकिन आज भी ऑटो चालक पुरानी किराया सूची के अनुसार ही किराया वसूल रहे हैं। जिसके चलते शहर के लोग प्रतिदिन ऑटो चालकों के हाथों ठगी का शिकार हो रहे हैं। इन ऑटो चालकों की मनमानी के आगे प्रशासन भी बेबस सा नजर आता है। क्योंकि शहर की सड़कों पर दौड़ते हुए ऑटो को लेकर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती। जिससे साफ जाहिर है कि ऑटो यूनियन की मनमानी के आगे शहर के लोगों की सुनने वाला कोई नहीं रहा है।
टीमों तक का किया था गठन, पर नहीं हुआ कुछ
शहर में अलग-अलग दूरी के हिसाब से किराए को लेकर दस व 20 रुपये किराये के दो अलग-अलग स्लैब बनाए थे लेकिन 'यादातर आटो चालक अभी भी यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। ज्यादा किराया वसूलने वाले ऑटो व ई रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रोडवेज और डीटीओ की संयुक्त टीम का गठन किया गया था। यह संयुक्त टीम ज्यादा किराया वसूलने वाले ऑटो चालकों का चालान काटने के लिए बनाई गई थी लेकिन टीम द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यूनियन का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों के कहने पर यात्रियों की सुविधा के लिए किराया तो कम कर दिया है लेकिन 'यादा किराया वसूलने वाले ऑटो व ई रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रशासन उनका सहयोग करें। शहर में ऑटो रिक्शा यूनियन जींद और हरियाणा प्रदेश आटो रिक्शा कल्याण संघ से साढ़े छह हजार से ज्यादाऑटो व ई रिक्शा जुड़े हुए हैं।
यह बनाई गई थी स्लैब
नए बस स्टैंड से एसडी स्कूल व देवीलाल चौक तक यात्रियों से दस रुपये किराया लिया जाएगा। वहीं पटियाला चौक व जंक्शन तक 20 रुपये किराया निर्धारित किया गया था। इसी प्रकार जंक्शन व पटियाला से आते हुए एसडी स्कूल व देवीलाल चौक तक दस रुपये व सभी बाईपास से बाईपास तक का किराया 20 रुपये निर्धारित किया गया है। वहीं लोकल किराया भी दस रुपये निर्धारित किया गया था।
आज भी ऑटो पर चस्पा है पुरानी किराया सूची, नई सूची चस्पा करने की मांग
ऑटो रिक्शा यूनियन जींद और हरियाणा प्रदेश ऑटो रिक्शा कल्याण संघ द्वारा नई किराया सूची ऑटो पर चस्पा नहीं करवाई गई है। जिसके चलते आज भी पुरानी किराया सूची ऑटो पर चस्पा है। इसी का हवाला देकर ऑटो चालक अपनी मनमानी करते हैं और पहले की तरह ही शहर में भी यात्रियों से 20 रुपये किराया वसूलते हैं। यात्री कुलदीप, राजेश ने कहा कि वो प्रतिदिन पटियाला चौक से शहर में आते हैं। जब वो दस रुपये किराया देते हैं तो ऑटो चालक झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। उनके द्वारा ऑटो पर चस्पा पुरानी किराया सूची ही दिखा दी जाती है। जिससे यात्री मन मसोस कर रह जाते हैं। ऐसे में अगर शहर के ऑटो पर नई किराया सूची को चस्पा किया जाए तो ऑटो चालकों की मनमानी पर रोक लग सकती है।
डीटीओ कर्मचारियों से सहयोग की मांग
हरियाणा प्रदेश आटो रिक्शा कल्याण संघ के प्रधान मनजीत रेढू ने कहा कि यूनियन की मांग है कि डीटीओ कार्यालय के कर्मचारी भी 'यादा किराया वसूलने वाले ऑटो व ई रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग करें। कुछ ऑटो चालकों व ई-रिक्शा चालकों के बारे में शिकायत सुनने में आई है कि वह यात्रियों से 20 रुपये किराया ही ले रहे हैं। शिकायत मिलने पर यात्रियों को किराया वापस करवा दिया जाता है। अभी तक 50 से ज्यादा यात्रियों को किराया वापस करवाया जा चुका है।
ऑटो चालकों को नहीं करने दी जाएगी मनमानी : संजीव कौशिक
वाहन निरीक्षक संजीव कौशिक ने कहा कि टीम लगातार फील्ड में उतरी हुई है जो यात्रियों से पूछ रही है कि ऑटो व ई-रिक्शा चालक ज्यादा किराया तो नहीं ले रहे। ऑटो व ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ ज्यादा किराया वसूलने की जो शिकायतें आती हैं, उसमें यात्रियों को किराया वापस करवा दिया जाता है। अभी तक एक या दो ही यात्रियों ने ऑटो चालकों की शिकायत दी है।
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