फरीदाबाद में 15000 घर तोड़ेगा प्रशासन : लोगों की पीड़ा- वर्षों की मेहनत को भू माफिया ने लूटा, अब कहां जाएं

बिजेंद्र शर्मा : फरीदाबाद
बरसों चिलचिलाती धूप में पत्थर तोड़कर दो पैसे इसलिए इकट्ठा किए किए थे कि सिर छुपाने के लिए 2 गज जमीन खरीद ली जाएगी। बरसों की मेहनत कर इकट्ठा किए गए पैसों को भू माफिया ने सरकारी जमीन पर प्लाट देकर लूट लिया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को तामील कराने के लिए प्रशासन ने भी पूरी ताकत लगाई हुई है और उनकी आंखों के सामने ही उनके घरों को उजाड़ दिया जाएगा। उनके वर्षों की मेहनत से कमाए गए पैसे भी चले गए और प्लाट भी उनके हाथ नहीं लगा, अब करें तो क्या करे और परिवार को लेकर जाएं तो जाएं कहां।
गौरतलब है कि हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर गांव खोरी में करीब 20 वर्ष पूर्व राजदीप नामक भू माफिया राजस्थान उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश से आकर यह मजदूरी करने वाले मजदूरों को करीब 2000 रुपये गज के हिसाब से सरकारी जमीन पर प्लाट उपलब्ध करा दिए। इतना ही नहीं भू माफिया ने अवैध रूप से दिल्ली से बिजली व हरियाणा से पानी की सप्लाई भी उपलब्ध करा दी और सर्वोच्च न्यायालय ने जहां अवैध रूप से बनाई गई करीब 15000 झुग्गियों को तोडऩे का आदेश जारी किए थे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश हो को तामील कराने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली है तथा प्रशासन की तैयारियों को देखते हुए खोरी से 80 प्रतिशत लोग पलायन कर गए हैं।
शेष जो लोग बचे हैं वह भू माफिया के गुर्गे व कुछ रोहगियां परिवार बताए जा रहे हैं। आगरा से करीब 10 वर्ष पूर्व आकर यहां पर से हलवाई दिनेश ने बताया कि वह इस आस में यहां आए थे थी सस्ता प्लॉट मिल रहा है तथा उन्होंने दिन रात एक कर कुछ रुपए जोड़े और भू माफिया से 50 गज का प्लॉट ले लिया। कुछ ऐसे ही उत्तर प्रदेश गोरखपुर निवासी शशि बाला ने बताया कि उनके ससुर ने बड़ी मेहनत कर किसी तरह यहां प्लाट खरीदा था और उनके मकानों को उनकी आंखों के सामने ही उजाड़ा जाएगा। मध्य प्रदेश निवासी रामस्वरूप ने बताया कि वह पहाड़ों में पत्थर तोडऩे का काम करते थे तथा उनके कई साथी भी उनके साथ ही काम करते थे तथा सभी ने मिलकर या मेहनत की और पैसे जोडक़र भू माफिया से प्लाट खरीद लिया फिर मेहनत की और उक्त प्लाट पर 4 ईंट लगा ली। उनकी बरसों की मेहनत की कमाई भी लुट गई और फिर से अब आशियाना भी छिन जाएगा अब वह करें तो करें क्या वह अपने परिवार के लोगों को लेकर जाएं तो जाए कहां यहां उनके मकान तोड़ दिए जाएंगे और गांव में भी उनको सिर छुपाने की कोई जगह नहीं है।
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