Farmers News : बढ़ते हुए तापमान से गेहूं की फसल के लिए एडवाइजरी, उच्च तापमान से बचने के लिए हल्की सिंचाई करें

नारनौल। बढ़ते हुए तापमान से गेहूं की फसल को बचाने के लिए उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने किसानों को कुछ एडवाइजरी जारी की है। इन पर अमल करके किसान अपने गेहूं की फसल की अच्छी पैदावार ले सकेंगे। डीसी ने बताया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की सिफारिश के अनुसार अचानक बढ़ रहे तापमान से गेहूं की फसल को बचाना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस व रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है, तब तक किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। रात व दिन का तापमान मिलाकर औसत 22 डिग्री सेल्सियस गेहूं की पैदावार के लिए सबसे उत्तम माना गया है। औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक को फसल सहन कर सकती है पर दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर गेहूं के बनने वाले दानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उपायुक्त ने बताया कि बढ़े हुए उच्च तापमान से बचने के लिए किसानों को आवश्यकता अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाता है। जब तेज हवा चल रही हो तो सिंचाई रोक दें अन्यथा फसल के गिरने से नुकसान हो सकता है। जिन किसान भाइयों के पास फव्वारा सिंचाई की सुविधा है वे दोपहर को तापमान वृद्धि के समय आधा घंटा फव्वारे से सिंचाई कर सकते हैं।
गेहूं में बालियां निकलते समय या अगेती गेहूं की बालियां निकली हुई हैं तो भी 0.2 प्रतिशत पोटाशियम क्लोराइड यानी कि 400 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश (पोटाश खाद) 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने से तापमान में अचानक हुई वृद्धि से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। पछेती बिजी हुई गेहूं में पोटाशियम क्लोराइड का छिड़काव 15 दिनों के अंतराल पर दो बार किया जा सकता है।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि काफी मेहनत के बाद फसल उगाई जाती है। ऐसे में जरूरी है कि फसल पकने के बाद कृषि विभाग की सलाह के अनुसार कार्य किया जाए। ऐसा करके वे अपनी फसल को गर्मी की मार से बचा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि फसल कटाई के दौरान अपनी फसलों को बिजली के तार के नीचे ना रखें।
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