राष्ट्रपति भवन घेराव मामले में 10 साल बाद नवीन जयहिंद सहित 50 लोग बरी

राष्ट्रपति भवन घेराव मामले में 10 साल बाद नवीन जयहिंद सहित 50 लोग बरी
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2013 में सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट दिया था कि सभी राजनीतिक पार्टियां आरटीआई के दायरे में आएंगी। इस सन्दर्भ में संसद में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के विरूद्ध अध्यादेश जारी कर जजमेंट मानने से इंकार कर दिया था।

चंडीगढ। दस वर्ष पहले 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट दिया था कि सभी राजनीतिक पार्टियां आरटीआई के दायरे में आएंगी। इस सन्दर्भ में संसद में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के विरूद्ध अध्यादेश जारी कर जजमेंट मानने से इंकार कर दिया था। इस मामले में नवीन जयहिन्द ने अपने साथियों के साथ राष्ट्रपति भवन का घेराव कर महामहिम राष्ट्रपति को मामले में संज्ञान लेने और उक्त जजमेंट को लागू करने की अपील की थी।

उस समय आंदोलनकरियों को संसद मार्ग पुलिस थाना में गिरफ़्तार कर लिया गया था। बाद में देर रात विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मुक़दमा दर्ज कर आंदोलनकारियों को ज़मानत दे दी गई थी। दस वर्ष तक यह मुक़दमा चलता रहा। अब दस वर्ष के लम्बे समय के बाद नवीन जयहिन्द सहित 50 लोगों को दोषी ना मानते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी को बाइज़्ज़त बरी कर दिया है।जयहिन्द सहित डाक्टर बलजीत सिंह, कुलदीप कौशिक, कुलदीप कादयान, मुनीश भारद्वाज, नरेश मूर्ति, मनमोहन सिंह, अनुपम, रोहतास, पवन, राजेश, रणधीर चौहान, नीरज शर्मा आदि बाइज़्ज़त बरी हुए। इस समय के दौरान तीन आन्दोलनकारी मास्टर हुकुम सिंह, सुरेश और प्रदीप की मौत हो चुकी है।

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