Mahendragarh : 5 दशक बाद महेंद्रगढ़ के पार पहुंचा दोहान का पानी, किसानों ने जताई खुशी

- गांव माजरा खुर्द की सीमा तक पहुंचा दोहान नदी का पानी
- दोहान नदी जमीन का मालिकाना हक किसानों के पास होने के कारण सिंचाई विभाग ने रोका था पानी
- बुचायावाली गोशाला के पास वन विभाग की जमीन पर नाला बनाने के बाद आगे पहुंचा दोहान का पानी
Mahendragarh : करीब पांच दशक बाद दोहान नदी का पानी महेंद्रगढ़-रेवाड़ी रोड को पार करके आगे के गांवों में पहुंच गया है। खेतों में पानी पहुंचने के बाद किसानों ने खुशी जताई। बता दें कि पिछले साल दक्षिण हरियाणा की दो प्रमुख बरसाती नदियां दोहान व कृष्णावती पुनर्जीवित हुई हैंं। ये दोनों नदियां महेंद्रगढ़-नारनौल की जीवन रेखा मानी जाती थी, लेकिन पिछले 50 सालों में बारिश कम होने से न केवल सूख गई थी, बल्कि इनमें कई स्थानों पर लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए थे।
पहले इन दोनों नदियों में नीम का थाना की पहाड़ियों से बारिश का पानी आता था, लेकिन करीब 50 वर्ष से दोनों नदियां पूरी तरह से सुखी हुई थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर पिछले साल सिंचाई विभाग ने दक्षिण हरियाणा की इन दोनों बरसाती नदियों को पुनर्जीवित करने की मुहिम शुरू की थी, जिसका नतीजा यह हुआ कि अब इनमें पानी बह रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सिंचाई विभाग ने परियोजना पर काम शुरू किया था। मानसून में पानी की मांग कम होने से नहरों को 16 स्थानों पर इन नदियों से जोड़ा गया। नारनौल ब्रांच को डेरोली अहीर के पास लगभग 300 सीएस का एस्कैप दोहान नदी में दिया गया और डेरोली से महेंद्रगढ़ शहर तक करीब 16 किलोमीटर लंबी नदी को पुनर्जीवित किया गया था, जिसके बाद जवाहर कैनाल नहर का अतिरिक्त पानी दोहान नदी में छोड़ा जाने लगा था।
बुचियावाली गौशाला के पास बनाया नाला
दोहान नदी का पानी पहले गांव डुलाना तक पहुंचाता था। पानी निकासी नहीं होने के कारण डीएवी स्कूल व बुचियावाली गौशाला में पानी भर जाता था, जिससे काफी परेशानी होती थी। इसके आसपास की जमीन वन विभाग की थी। जिस कारण सिंचाई विभाग कोई काम नहीं कर पा रहा था, लेकिन पिछले दिनों वन विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से अनुमति मिलने के बाद सिंचाई विभाग की ओर से सरकारी बुलडोजर के माध्यम से खुदाई कराई गई। करीब 1.5 किलोमीटर में गहरी व 8 फुट की चौड़ाई का नाला बनाने के बाद बुचियावाली गोशाला व डीएवी स्कूल में पानी भरना बंद हो गया तथा आगे के गांवों में पानी पहुंचाना शुरू हो गया है। दोहान नदी का पानी महेंद्रगढ़-रेवाड़ी स्टेट हाईवे काे पार कर चुका था। यह पानी माजरा कलां की सीमा से करीब 500 मीटर की दूरी पर है। दोहान नदी की आगे की जमीन का मालिकाना हक किसानों के पास होने के कारण पानी रोक दिया गया है। अगर किसानों की ओर से अनुमति दी जाती है तो पानी आगे पहुंचाया जाएगा।
एक साल में पानी का निकला समाधान
दोहान नदी में करीब एक साल में खुला पानी छोड़ा जा रहा हैं। यह पानी मुख्य मार्गों की सड़क से भी होकर गुजर रहा है, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। दोहान नदी अटेली रोड व डुलाना से होकर गुजर रहा था। अब रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ मार्ग में भी पानी खुला बह रहा है। इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन ज्यादा है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो सकती हैं। स्थानीय लोगों द्वारा जिला प्रशासन से दोहान नदी का पानी मुख्य मार्गो से पाइपलाईन के माध्यम से निकालने की मांग की जा रही हैं।
43 वर्ष बाद आया है पानी
गांव माजरा खुर्द निवासी किसान जयनारायण ने कहा कि उन्होंने सन 1980 में इस नदी में पानी देखा था। दोहान नदी नहीं चलने के कारण गांव माजरा खुर्द के आसपास का पानी काफी नीचे चला गया था। 43 वर्ष बाद नदी में फिर से पानी आने से खुशी का माहौल है। सरकार को लगातार इस नदी में पानी छोड़ना चाहिए, ताकि यहां के किसानों को पानी का लाभ मिल सके।
गांव के जलस्तर में होगा सुधार
रवि ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से नदी में लगातार पानी चल रहा है। सरकार व प्रशासन की नदी में पानी छोड़ने की कवायद सही है। नदी में पानी चलने से यहां के जलस्तर में काफी सुधार होगा। सरकार द्वारा पिछले तीन सालों से गांव चामधेड़ा की तरफ की दोहन नदी में पानी छोड़ा जा रहा था। चामधेड़ा की नदी में लगातार पानी चलने से पानी का जलस्तर काफी ऊंचा उठा है। रवि ने सरकार से मांग की कि यहां पर लगातार पानी छोड़ा जाए, ताकि किसानों को पानी का लाभ मिल सके।
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