रेवाड़ी की प्राचीन हवेली में तीर के बाद अब सन् 1858 के सिक्के मिले, प्रशासन ने कब्जे में ली हवेली

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी
गांव कंवाली की प्राचीन हवेली में तीर मिलने के चार दिन बाद 1857 में शुरू हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय के सिक्के मिले हैं। हवेली की खुदाई में प्राचीन धरोहर मिलने की सूचना के बाद जिला प्रशासन ने खुदाई में मिले सामान को कब्जे में लेकर खुदाई पर रोक लगा दी है। अब चंडीगढ़ से आकर पुरातत्व विभाग की टीम गांव आकर हवेली की जांच करेगी। जिला प्रशासन ने इसके संकेत दे दिए हैं। तीर के बाद सिक्के मिलने के बाद हवेली गांव व आसपास चर्चा का विषय बनी हुई है।
कंवाली निवासी स्वतंत्रता सेनानी गणेशी लाल से छह माह पहले गांव निवासी मिस्त्री सुभाष उर्फ सतन ने हवेली खरीदी थी। सुभाष मिस्त्री द्वारा करवाई जा रही हवेली की खुदाई के दौरान रविवार को तीन प्राचीन (बास की डंडी वाले) तीर मिले थे। जिसे प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया तथा हवेली की खुदाई जारी रही। बुधवार को खुदाई के दौरान हवेली से प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय 1858 व 1860 लिखे हुए करीब दो दर्जन सिक्के मिले। जिसके बाद प्रशासन हकरत में आया तथा खुदाई में मिले सामान (तीर व सिक्कों) को कब्जे में लेकर खुदाई पर रोक लगा दी। खंडहर हो चुकी हवेली की बनावट व दरवाजे- खिड़कियों का डिजाइन पुरानी नक्काशी के नमूने की झलक दिखाई दे रही है। जिसे लेकर अलग-अलग तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।
दिल्ली में रहता है स्वतंत्रता सेनानी का परिवार
गांव के निवर्तमान सरपंच अमित कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता गणेशी लाल की मौत हो चुकी है तथा उनका परिवार दिल्ली में रहता है। तांबे के सिक्के मिलने के बाद गिरदावर सतबीर सिंह व पटवारी हवा सिंह सिक्के व तीर अपने साथ ले गए। उन्होंने हवेली की खुदाई बंद करने तथा चंडीगढ़ से पुरातत्व विभाग की टीम आने की भी बात कही। मिस्त्री सुभाष ने 6 माह पहले ही हवेली को खरीदा था तथा अब निर्माण के लिए खुदाई करवा रहा है। जिसे फिलहाल प्रशासन ने रोक दिया है।
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