Cm Manohar Lal के कथन के बाद फिर गर्माया जिला मुख्यालय महेंद्रगढ़ बनाने का मुद्दा

Cm Manohar Lal के कथन के बाद फिर गर्माया जिला मुख्यालय महेंद्रगढ़ बनाने का मुद्दा
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नारनौल से गए प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद सीएम ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि जिला मुख्यालय नारनौल ही रहेगा। इसके बाद संघर्ष कर रहे लोग थोड़े आहत अवश्य हुए हैं, मगर वे निराश नहीं हुए।

देवेंद्र यादव : महेंद्रगढ़

जिला मुख्यालय के लिए संघर्ष कर रहे अधिवक्ताओं व यहां के लोगों को जोर का झटका लगा है। नारनौल से गए प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद सीएम ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि जिला मुख्यालय नारनौल ही रहेगा। इसके बाद संघर्ष कर रहे लोग थोड़े आहत अवश्य हुए हैं, मगर वे निराश नहीं हुए। वहीं सीएम के इस कथन के बाद एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है। यहां के अधिवक्ताओं व सामाजिक संगठन के लोगों का कहना है कि उनका संघर्ष चाहे कितना भी लंबा क्यों न हो, मगर वे जिला मुख्यालय से नीचे कोई समझौता नहीं करेंगे।

महेंद्रगढ़ को जिला मुख्यालय बनाने के लिए कई वर्षों से यहां के लोगों द्वारा संघर्ष किया जा रहा है। जिसके तहत अनेक सामाजिक संस्था व महेंद्रगढ़ संघर्ष समिति सहित अनेक लोग कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। गत विधानसभा चुनावाें से पूर्व भी यहां के अधिवक्ताओं व सामाजिक संगठन के लोगाें ने भी इस बारे में सीएम से मुलाकात की थी, मगर सीएम ने उस समय भी इनको नारनौल के लोगों का हक न मारने की सलाह दी थी।

वहीं इसके बाद शुक्रवार को भी संघर्ष समिति के लोग प्रो. रामबिलास शर्मा के नेतृत्व में सीएम से मिले थे। तब सीएम ने यहां पर हर मंगलवार को अधिकारियों के बैठने की बात कही। इसके अलावा यहां पर एडीजे कोर्ट स्थापना करने का भी आश्वासन दिया था। जिसके बाद यहां के अधिवक्ताओं के एक गु्रप ने धरना स्थगित करने की घोषणा कर दी थी, मगर उसी दिन पैदल मार्च निकालकर दूसरे गु्रप व सामाजिक संगठन के लोगों ने साफ कर दिया था कि जब तक जिला मुख्यालय नहीं बने तब तक संघर्ष जारी रहेगा।दूसरी ओर शनिवार को नारनौल से संघर्ष समिति के लोगों ने सीएम से मंत्री ओमप्रकाश यादव के नेतृत्व में मुलाकात की। इस पर सीएम ने नारनौल के लोगों को आश्वसत किया कि नारनौल ही जिला मुख्यालय रहेगा। इसके बाद महेंद्रगढ़ में फिर से आंदोलन की चर्चाएं होने लग गई। वहीं अधिवक्ताओं का भी कहना है कि वे जिला मुख्यालय से नीचे कुछ भी नहीं चाहते।

सरताज जनसेवा गु्रप के पीआरओ कुलदीप यादव का कहना है कि उन्होंने पूर्व में भी जिला मुख्यालय बनवाने के लिए संघर्ष किया, अब भी वे जिला मुख्यालय से नीचे कुछ नहीं चाहते। उन्हाेंने कहा कि सीएम साहब को यहां की जनता के बारे में भी सोचना चाहिए। यहां की जनता के हकों को नहीं मारना चाहिए।

इस बारे में श्री सुंडाराम ट्रस्ट के चेयरमैन संदीप मालड़ा ने कहा कि अगर नारनौल के लोग जिला चाहते हैं तो उनका अलग से जिला बना दिया जाए। महेंद्रगढ़ पहले ही जिला है तथा महेंद्रगढ़ को जिला मुख्यालय बना दिया जाए। उन्हाेंने बताया कि पूरे देश में महेंद्रगढ़ ही एक ऐसा जिला है, जिसका मुख्यालय नारनौल है।

बार एसोसिएशन की ओर से दिए जा रहे धरने के अध्यक्ष किरोड़ीमल एडवोकेट ने कहा कि उनका धरना लगातार जारी है। कुछ दिन पहले रामबिलास शर्मा के नेतृत्व में यहां के कुछ अधिवक्ता सीएम से मिले थे, जो अभी धरने से अलग हैं। उन्हें लगता है कि सीएम के इस बयान के बाद वे भी वापस आ जाएंगे।

अधिवक्ता शैलेंद्र का कहना है कि महेंद्रगढ़ जिला उनकी पुरानी मांग है। सरदार वल्लभ भाई पटेल व महाराजा नरेंद्र सिंह की संधी के अनुसार महेंद्रगढ़ जिला बनाया था। उन्हांेने कहा कि उन्हें जिला मुख्यालय चाहिए। सरकार जल्द से जल्द महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय स्थापित करे।

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