BSEH 10th Result 2021 : रीति- रिवाजों के बाद कोरोना संक्रमण ने बदले पढ़ाई के मायने, 50 हजार बच्चों के शत-प्रतिशत अंक

हरिभूमि न्यूज : भिवानी
कोरोना संक्रमण ने जहां रीति रिवाजों,रिश्तेदारी सहित अन्य चीजों को प्रभावित किया है तो इसी कोरोना संक्त्रमण में पढ़ाई के मायनों को बदल कर रख दिया है।शुक्रवार को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किए गए दसवीं के परीक्षा परिणाम में एक नया इतिहास लिखा गया।शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किए गए परिणाम में 50 हजार बच्चे ऐसे हैं जिनके मार्क्स सौ प्रतिशत हैं। कोरोना संक्रमण ने पढ़ाई के लिहाज से गधे घोड़ों को एक श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया।
रिजल्ट तैयार करने में शिक्षा बोर्ड ने क्या पैट्रन अपनाया यह भी सोचने का विषय है कि इतने ज़्यादा बच्चे टॉपर बन गए। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किया गया परीक्षा परिणाम बेशक विद्यार्थियों के चेहरों पर मुस्कान ले कर आया हो ,लेकिन उन्हें इस मुक़ाम तक पहुंचाने वाले शिक्षकों के मन में इस बात का डर आवश्य था कि यह परीक्षा परिणाम भविष्य के लिए सुखद नहीं हो सकता।
कुछ शिक्षकों ने इस बारे में बोलते हुए कहा कि इतने ज़्यादा बच्चे अगर सौ प्रतिशत मार्क्स के पास होंगे तो कॉलेजों में होने वाले एडमिशन कहीं न कहीं उन विद्यार्थियों के लिए मुसीबत बनेंगे उनके मार्क्स कम आए हैं। प्रदेश भर में 50 हजार बच्चों को शिक्षा बोर्ड की तरफ़ से सौ प्रतिशत अंक दिये गये हैं तो ऐसे में कॉलेजों में होने वाले एडमिशन किस आधार पर होंगे यह देखने वाली बात होगी। जिस जि़ले में सौ प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का आंकड़ा कॉलेजों की सीटों से ज़्यादा होगा वहाँ के उन विद्यार्थियों को अन्य जि़लों का रुख़ करना पड़ेगा जिनके नंबर सौ प्रतिशत से कम आए हैं।
टीचरों की मेहरबानी पड़ न जा विद्यार्थियों के भविष्य पर भारी
ऑप्शनल विषय को छोड़कर बाकी विषयों में स्कूल टीचरों ने दसवीं कक्षा के बच्चों को दिल खोलकर अंक दिए। सूत्रों की माने तो जरूरी विषयों में कोई भी ऐसा विद्यार्थी नहीं है जिसकी प्रायोगिक विषय में पूरे अंक न दिए हो। एक दो विद्यार्थियों को छोड़कर सभी पूरे अंक दिए है। यही स्थिति आंतरिक मूल्यांकन के अंकों की है। ऑप्शनल विषय को छोड़कर बाकी सभी विषयों में पूरे अंक दिए गए है। अच्छी प्रोफेमंस बताई। खैर शिक्षा बोर्ड तो उसी के आधार पर रिजल्ट तैयार करेगा। जो स्कूल से अंक आएंगे। पर जिस तरह बच्चों के अंक आए है। वे अंक शिक्षकों के लिए भी अगली कक्षा में मुसीबत खड़ी कर सकते है। चूंकि नब्बे फीसदी से ज्यादा अंक पाने वाले अधिकांश विद्यार्थी विज्ञान या वाणिज्य संकाय में प्रवेश पाने की लाइन में होगे और वे एक बार इन संकायों में दाखिला लेंगे।
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