सिरसा : दो पक्षों में झगड़े के बाद सरकारी अस्पताल में चली गोलियां, एक युवक गंभीर, एंबुलेंस चालक को भी लगे छर्रे, मची भगदड़

हरिभूमि न्यूज : सिरसा
सिरसा के नागरिक अस्पताल में बीती रात उस वक्त दहशत फैल गई जब दो पक्षों के विवाद में कुछ लोग जिला नागरिक अस्पताल में अचानक पहुंचे। इस दौरान दोनों पक्षों में फिर से बहस हुई और एक पक्ष के युवक ने दूसरे पक्ष के युवक पर गोली चला दी। जिससे वह घायल हो गया। साथ पास खड़े एक एंबुलेंस चालक को भी गोली के छर्रे पैरों में लगे हैं, जिसका उपचार किया जा रहा है। वहीं भाग मभाग में कुछ तेजधार हथियार भी ट्रॉमा सेंटर में छोड़ गए। गोली चलने की सूचना पर शहर थाना प्रभारी धर्मवीर अपनी टीम सहित मौके पर पहुंचे और सीसीटीवी फुटेज चैक की, ताकि आरोपियों का पता लगाया जा सके। वहीं लड़ाई-झगड़े में घायल हुए दोनों पक्षों के करीब आधा दर्जन लोग अभी भी अस्पताल में पुलिस की निगरानी में दाखिल हैं।
जानकारी के अनुसार देर रात को लड़ाई-झगडे़ में घायल हुए कुछ लोग नागरिक अस्पताल में एमएलआर कटवाने के लिए ट्रॉमा सेंटर में पहुंचे। इस दौरान एक युवक को चिकित्सकों ने अग्रोहा के लिए रेफर कर दिया। एंबुलेंस चालक रेफर स्लिप लेने के लिए ट्रॉमा सेंटर में गया ही था कि इसी दौरान दूसरे पक्ष के भी कुछ लोग अस्पताल में पहुंच गए। ट्रॉमा सेंटर में ही दोनों पक्षों में फिर से हाथापाई हुई और इस दौरान उन्होंने सारा सामान बिखेर दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम से दहशत का माहौल पैदा हो गया। अस्पताल के स्टाफ सदस्यों ने किसी इधर-उधर भाग कर जान बचाई। इसके बाद अस्पताल परिसर में दो युवकों में हुई हाथापाई के बाद एक युवक ने दूसरे के सिर में गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत हिसार रेफर कर दिया गया।
गोली लगने वाले युवक की पहचान सदर बाजार निवासी 22 वर्षीय जतिन के रूप में हुई है। घायलों में एक पक्ष के अक्षय कुमार निवासी तेलियांवाली गली सिरसा, नितेश कुमार, प्रदीप कुमार निवासी गांव रंधावा, रमेश निवासी मल्लेवाला व सुमित निवासी संजय कॉलोनी, जबकि दूसरे पक्ष के टोनी निवासी संजय कॉलोनी, ललित, आदिश व कमल कुमार शामिल है। वहीं, गोली के छर्रे लगने से घायल एंबुलेंस चालक प्रदीप कुमार व अन्य स्टाफ सदस्यों ने कहा कि इस प्रकार की घटना अस्पताल में पहले भी हो चुकी हैं। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि रात के समय जो भी लोग लड़ाई-झगड़े के केस में आते हैं, उन्हें जांच के बाद ही अंदर प्रवेश करने दिया जाए। उन्हांेने कहा कि अगर इस प्रकार की घटनाएं होती रही तो स्टाफ के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा।
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