जन्मजात आंखों से दिखाई नहीं देने के बाद अब 9 साल के बच्चे का ऑपरेशन, परिजनों में खुशी का ठिकाना नहीं

जन्मजात आंखों से दिखाई नहीं देने के बाद अब 9 साल के बच्चे का ऑपरेशन, परिजनों में खुशी का ठिकाना नहीं
X
छोटा बच्चा होने की वजह से किसी अनहोनी के डर से उसके पास 24 घंटे किसी ना किसी को रहना पड़ता है। वह अक्सर कहता है, नानू मैं भी कभी किताब पढ़ पाउंगा। इस दुनिया को देख पाउंगा। इस नौ साल की दोहते के यह शब्द रोजाना 24 घंटे कानों में गुंजते है और आंखे भर आती है।

हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़

गांव पालड़ी पनिहारा से एक बुजुर्ग देवदत्त सितम्बर-2021 में मंत्री ओमप्रकाश यादव से नारनौल कैंप कार्यालय में मिला। देवदत्त ने मंत्री से कहा कि बेटी नीतू के पति राजकुमार का देहांत हो चुका है। यह विधवा बेटी इन दिनों मायका में उसके पास ही रहती है। बेटी नीतू की संतान यानि मेरा दोहता लवकेश को जन्मजात दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता। छोटा बच्चा होने की वजह से किसी अनहोनी के डर से उसके पास 24 घंटे किसी ना किसी को रहना पड़ता है। वह अक्सर कहता है, नानू मैं भी कभी किताब पढ़ पाउंगा। इस दुनिया को देख पाउंगा। इस नौ साल की दोहते के यह शब्द रोजाना 24 घंटे कानों में गुंजते है और आंखे भर आती है। देवदत्त की यह बात सुन भावुक हुए मंत्री ओमप्रकाश यादव ने वायदा किया कि जो प्रयास वह कर सकते है, करेंगे। देश के अच्छे से अच्छे अस्पताल में बच्चे की आंखों का ऑपरेशन करवाएंगे बाकी भगवान की मर्जी है। यह आश्वासन देकर देवदत्त को मंत्री ने वापस घर भेज दिया।

इसके बाद मंत्री का काम शुरू हुआ। स्टाफ को निर्देश देकर ऑपरेशन से जुड़े बच्चे के कागजात मंगवाने के लिए कहा। कागजात आने के बाद चिकित्सकों से रायशुमारी हुई और फिर दिल्ली के एम्स अस्पताल में बच्चे का ऑपरेशन करवाया। ऑपरेशन के बाद बच्चे को दिखाई देने लगा। समय बीता तो रोजमर्रा की तरह फरियादियों के दुख दर्द में जुट गए। अब शुक्रवार शाम को इसी गांव पालड़ी पनिहारा में मेला कार्यक्रम था। गांव का नाम सामने आते ही मंत्री को ध्यान आया कि देवदत्त की दोहते का हाल कैसा है? कार्यक्रम के बाद वहां मौजूद लोग मंत्री देवदत्त के घर लेकर गए। वहां देवदत्त के घर पहुंचने पर लोगों ने मंत्री के बारे में बताया। फिर मंत्री बच्चे लवकेश से मिले और पूछा...बेटा अब आपकी आंखें कैसी है? देवदत्त व उसकी बेटी नीतू ने नन्हें बच्चे के कानों में धीरे से बताया कि यह वहीं है जिन्होंने आपका ऑपरेशन करवाया। यह सुनकर बच्चे की आंखों में चमक आ गई और बोला...थैंक्यू मंत्री जी। आपकी वजह से वह यह दुनिया देख पा रहा हूं। किताबें भी पढ़ता है। इन किताबों को पढ़कर वह भी आपके जैसा बड़ा नेता बनेगा। यह सुनकर मंत्री जी भी भावुक हो गए और उस बच्चे को गले लगा लिया। इस दौरान देवदत्त व उनके परिजनों ने मंत्री का आभार जताया और कहा कि यह पल उनके जीवन का अहम यादगार पल रहेगा।

Tags

Next Story