सैलजा के बाद कौन बन सकता है हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष, नेता विपक्ष में भी बदलाव की चर्चा

सैलजा के बाद कौन बन सकता है हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष, नेता विपक्ष में भी बदलाव की चर्चा
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नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड‍्डा क्योंकि सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता हैं, इसीलिए एक ही घर में दो पद दिए जाने की संभावनाएं कम बताई जा रहीं हैं।

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़

पंजाब में आए परिणामों के साथ ही कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब पीसीसी अध्यक्ष सिद्धू को बदलकर जहां जिम्मेदारी युवा नेता राजा वडिंग को सौंप दी है। वहीं दूसरी ओर अब हरियाणा में भी बदलाव की चर्चाओं को पंख लग चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी से की है। हालांकि सोमवार को देर शाम तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी।

चर्चाओं के बीच नए अध्यक्ष के नाम को लेकर सियासी गलियारों में बहस छिड़ी हुई है। पंजाब में पीसीसी अध्यक्ष के बदले जाने के बाद से हरियाणा को लेकर चर्चा चल रही हैं। बदलाव की इस चर्चा के बीच पूर्व सीएम और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक जहां सांसद दीपेंद्र को नया अध्यक्ष मानकर चल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भजनलाल के पुत्र व विधायक कुलदीप बिश्नोई समर्थकों में भी काफी उत्साह है, उनको भी भरोसा है कि हाईकमान किसी भी वक्त उनको जिम्मेदारी सौंप सकता है। वैसे, भी तर्क दिया जा रहा है कि हाईकमान जातिगत संतुलन बैठाने के लिए जातिगत गणित को देखने का काम भी करेगा क्योंकि अभी तक यह पद नाॅन जाट दलित नेत्री सैलजा के पास में था, तो बदलाव में भी किसी नाॅन जाट नेता का नंबर लग सकता है।

दूसरी तरफ नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड‍्डा क्योंकि सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता हैं, इसीलिए एक ही घर में दो पद दिए जाने की संभावनाएं कम बताई जा रहीं हैं। लेकिन पूर्व सीएम व नेता विपक्ष खेमा दीपेंद्र के नहीं बनने की स्थिति में हुड्डा खेमे से कुलदीप शर्मा पूर्व स्पीकर व पूर्व विधायक, गीता भुक्कल सहित कईं नाम ले रहे हैं। सियासी गलियारों के जानकारों का कहना है कि सैलजा ने अगर इस्तीफे की पेशकश की है, तो पार्टी हाईकमान आने वाले दो से तीन दिनों में बदलाव कर किसी अन्य को जिम्मेदारी सौंप सकता है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के समर्थक भी उत्साहित हैं, उनको लगता है कि पार्टी हाईकमान किसी भी वक्त पीसीसी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी उनको दे सकता है। सुरजेवाला की जाट और नाॅन जाट दोनों में गहरी पैठ है। दूसरी ओर सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस हाईकमान हर कदम फूंक फूंककर रखने का काम कर रहा है। सैलजा अपनी मर्जी से तो इस्तीफा दे सकती हैं, लेकिन उनको हटाने का सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी की सबसे करीबी सैलजा का पार्टी के अंदर भी वरिष्ठता के हिसाब से कद काफी ऊंचा है।

नेता विपक्ष में भी बदलाव की चर्चा

बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान वर्तमान सियासी हालात को देखते हुए नेता विपक्ष के पद भी बदलाव कर सकता है। लेकिन यह बदलाव उस स्थिति में होगा, जब सांसद दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। उस शर्त पर नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे के सियासी भविष्य को देखते हुए दो कदम पीछे हट सकते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेसी विधायक व चौधरी भजनलाल के पुत्र को नेता विपक्ष बनाए जाने की चर्चा भी है। लेकिन ये फार्मूला जमीनी हकीकत से कोसों दूर होगा क्योंकि सदन में वर्तमान कांग्रेस पार्टी के मौजूदा विधायकों में दो विधायकों को छोड़कर अधिकांश हुड्डा खेमे के हैं। इनमें से कईं नेता कईं कईं तीन से चार व पांच बार तक के विधायक भी हैं। हुड्डा खेमे के यह वरिष्ठ विधायक कभी भी कुलदीप बिश्नोई को नेता मानने में आनाकानी करेंगे। इसी क्रम में वरिष्ठ विधायक श्रीमती किरण चौधरी का भी नाम लिया जा रहा है, लेकिन उनको विपक्ष का नेता बनना भी वर्तमान सियासी माहौल में संभव नहीं लगता।

हुड्डा और सैलजा खेमे में दूरियां

नेता विपक्ष औऱ पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पीसीसी अध्यक्ष कुमारी सैलजा दोनों सियासी दिग्गज नेताओं के अपने अपने धड़े हैं, यह बात किसी से छिपी नहीं हैं। दूसरी तरफ नेता विपक्ष पीसीसी अध्यक्ष सैलजा की मीटिंग व कार्यक्रमों में अधिकांश मौकों पर नहीं दिखाई देते, वहीं हुड्डा की बैठकों व कार्यक्रमों में सैलजा समर्थक दो से तीन विधायक भी कम ही मौकों पर दिखाई दिए हैं। यहां तक की दो सप्ताह पहले सैलजा ने चंडीगढ़ में शक्ति प्रदर्शन व इसके पहले पीसी रखी, तो मात्र तीन ही विधायक चंडीगढ़ में थे। वहीं दूसरी ओर नेता विपक्ष व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दिल्ली में विधायक दल की बैठक कर रहे थे। कुल मिलाकर प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की संभावनाएं ज्यादा दिखाई दे रही हैं, ताजपोशी किसके सिर होगी यह देखने वाली बात होगी।

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