Cough Syrup से बच्चों की मौत के बाद औषधि निरीक्षकों की टीम की हरियाणा में छापामारी, मचा हड़कंप

- अफ्रीकी देश गांबिया में कफ सिरप का सेवन करने से 66 बच्चों की हो गई है मौत
- कफ सिरप का सेवन करने के बाद बच्चों के गुर्दों में घाव होने के बाद हो रहे फेल
- कफ सिरप एक्सपोर्ट करने वालों में से एक कंपनी मेडिन फार्मास्यूटिकल्स सोनीपत के कुंडली में स्थित
- डब्ल्यूएचओ ने भारत की कंपनियों की चार कफ सिरप को घोषित किया है जानलेवा
हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
कफ सिरप (Cough Syrup) से विदेशों में बच्चों की मौत होने से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। डब्ल्यूएचओ (WHO) की आपत्ति के बाद अधिकारियों की टीम ने छापामारी शुरू कर दी है। एक सप्ताह में तीसरी बार छापामारी की गई है।
दवा निर्माता कंपनी से संबंधित दवाओं के पांच सैंपल लेकर जांच को भेजे गए हैं। वहीं जांच रिपोर्ट आने तक कंपनी में उत्पादन, विक्रय व निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया गया है।संबंधित कंपनी से कच्चे माल की खरीद, निर्माण में लगे केमिस्ट की योग्यता और दवा निर्यात की रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं कंपनी के रिकार्ड को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है। छापामारी का निर्देशन ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा कर रहे हैं, जबकि टीम का नेतृत्व डीएलओ राकेश दहिया कर रहे हैं।
यह है मामला
डब्ल्यूएचओ ने भारत की चार दवाओं को जानलेवा घोषित किया है। यह चारों दवाएं बच्चों की खांसी से संबंधित हैं। इन चारों का निर्यात किया जाता है। पिछले दिनों कई देशों में कफ सिरप पीने के बाद बच्चों की हालत बिगड़ने लगी थी। उनमें से कई बच्चों की मौत हो गई थी। अकेले अफ्रीकी देश गांबिया में ही 66 बच्चों की मौत की जानकारी मिल रही है। इसकी शिकायत डब्लूयूएचओ के माध्यम से भारत सरकार से की गई थी।
बच्चों के गुर्दे हो रहे फेल
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गांबिया देश में सामने आया कि दवा पीने वाले बच्चों के गुर्दों में गहरे घाव बन रहे थे। घाव होने और रक्तस्राव होने से बच्चों के गुर्दे फेल हो रहे थे। बच्चों की मौत गुर्दों के काम नहीं करने से हो रही थी। जांच में यह भी बताया गया कि गुर्दों पर उक्त प्रभाव कफ सिरप को पीने से ही हो रहा था। प्रारंभिक जांच में भारत के चार कफ सिरप चार कफ सिरप प्रोमेथाजोन ओरल सोल्यूशन, कोफिक्समेलिन बेबी कफ सिरप, मैकोफ बेबी कफ सिरप और मैगरिप कोल्ड सिरप की पहचान की गई थी।
एक कंपनी सोनीपत में :
उक्त चार कंपनियों में से एक सोनीपत के कुंडली में स्थित है। मेडिनन फार्मा नाम की कंपनी का कफ सिरप निर्यात किया जा रहा था। सूचना मिलते ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में अधिकारियों की टीम बनाकर कंपनी पर छापामारी शुरू की गई। कंपनी से एक नवंबर, तीन नवंबर और छह नवंबर को छापामारी करके संदिग्ध दवाओं के सैंपल लिए गए। अभी तक पांच सैंपल जांच को भेजे जा चुके हैं।
कफ सिरप पीने से विदेशों में बच्चों को क्षति होने की जानकारी मिली थी। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के साथ ही शासन से इस संबंध में निर्देश मिले थे। हमने संबंधित दवाओं के सैंपल लेकर जांच को भेज दिए हैं। वहीं कंपनियों के कच्चे माल, तैयार माल व निर्माण प्रक्रिया में उपलब्ध सामग्री को यथावत रोक दिया गया है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि निर्माण में कुछ गड़बड़ी रही है या बच्चों की मौत के पीछे कोई और कारण है। - मनमोहन तनेजा, ड्रग कंट्रोलर, हरियाणा।
कुछ गलत हुआ होगा तो बहुत ही सख्त कार्रवाई की जाएगी : विज
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सोनीपत की एक ड्रग कंपनी से दक्षिण अफ्रीकी देश गाम्बिया में सप्लाई की गई खांसी की दवाई के पीने से संभवतः हुई 66 बच्चों की मृत्यु के संबंध में कहा कि ''हमने इस मामले में तुरंत संज्ञान और निर्णय लिया है कि कंपनी पर कोई कार्रवाई करने से पहले इस दवाई के सैंपल केन्द्रीय ड्रग लैबोरेटरी, कोलकाता में भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद यदि कुछ गलत हुआ होगा तो बहुत ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। विज आज मीडिया कर्मियों द्वारा सोनीपत स्थित मेडन फार्मास्यिूटीकल लिमिटेड की ओर से कफ एंड कोल्ड सीरप की दवाई के कारण गाम्बिया में हुई बच्चों की मृत्यु के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ''मैंने प्रातः ही अपने ड्रग कंट्रोलर को कहा, कि इसकी कार्यवाही करें और केन्द्र सरकार के अधिकारी भी इसकी पूरी जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव और फार्मास्टियूकल सचिव ने आज प्रातः ही राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव से बातचीत की है और यह निर्णय लिया गया है कि पहले कोई कार्रवाई करने से पहले इसके सैंपल चैक करवाए जाएंगें।
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