हरियाणा : मारकंडा नदी में बढ़ा जलस्तर, यमुना में भी आ सकता है उफान, लोग समेटने लगे सामान

हरियाणा : मारकंडा नदी में बढ़ा जलस्तर, यमुना में भी आ सकता है उफान, लोग समेटने लगे सामान
X
शनिवार को दोपहर तक मारकंडा नदी का जलस्तर करीब 400 क्यूसिक था वहीं शाम के 5 बजे तक लगभग 16157 क्यूसिक करीब 5 फीट तक पहुंच गया था।

हरिभूमि न्यूज : अंबाला

पहाड़ी क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के बाद मुलाना क्षेत्र से होकर गुजरने वाली मारकंडा नदी शनिवार को उफान पर रही। सुबह के समय नदी में सामान्य गति से पानी बह रहा था लेकिन शाम तक मारकंडा नदी में जलस्तर में बढ़ोतरी हुई। जहां दोपहर तक नदी का जलस्तर करीब 400 क्यूसिक था वहीं शाम के 5 बजे तक लगभग 16157 क्यूसिक करीब 5 फीट तक पहुंच गया। मारकंडा नदी में बढ़े जलस्तर के चलते पपलोथा घाट के रास्ते नदी पार के गांवों का संपर्क फिलहाल मुलाना से कट गया। पानी के तेज बहाव के चलते ग्रामीणों के लिए नदी पार करना मुश्किल है। वहीं यमुना और टांगरी नदी में भी जलस्तर बढ़ सकता है।

यदि पहाड़ी क्षेत्र में बारिश होती रहती है तो यह जलस्तर और ज्यादा बढ़ने की आंशका है। विभाग द्वारा यह जलस्तर करीब 8 फीट तक जाने की आंशका जताई गई है। मारकंडा नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी की जानकारी मिलते ही मारकंडा नदी किनारे खेतों में धान की फसल में इंजन लगा मारकंडा नदी से पानी दे रहे किसानों ने शाम के समय नदी किनारे लगाए अपने इंजन वहां से हटा लिए। मौके पर इंजन हटाते किसान याहूद अली और चमन ने कहा कि नदी के साथ ही उन की जमीन लगती है कुछ जमीन उन्होंने यहां पर ठेके पर लेकर धान की फसल लगाई हुई है। कई दिन से मौसम की बेरुखी और पड़ते सूखे के चलते वह मारकंडा नदी में आए पानी से अपनी फसल पाल रहे थे।लेकिन शनिवार को दोपहर बाद आए भारी पानी के चलते उन्हें यह काम रोकना पड़ा। किसानों का कहना था कि उन्हें खतरा था कि यदि रात में जलस्तर बढ़ता तो उन का सामान पानी के बहाव में बह सकता है।

2019 के पानी का मंजर नहीं भूले लोग

मारकंडा नदी में साल 2019 में आए पानी ने खूब तबाही मचाई थी। काफी जगह फसलों को भी हानि पहुंची थी और अनेक जगह से तटबंध भी क्षतग्रिस्त हो गए थे। नदी के साथ लगते कई गांवों में पानी घुस गया था। शनिवार को मारकंडा नदी में आए पानी के चलते किसानों की चिंता भी बढ़नी शुरू हो गई है। इस बार मारकंडा नदी के बहाए के साथ साथ किसानों ने धान व जवांर की भारी फसल। बिजी हुई है। यदि पानी का जलस्तर सात आठ फीट तक पंहुचता है तो नदी किनारे खेतों में लगी फसलों तक नदी का पानी मार कर सकता है। जिससे फसलों को नुकसान भी हो सकता है।

पहाडी क्षेत्र में भारी बारिश के चलते जलस्तर बढ़ा

पहाडी क्षेत्र में भारी बारिश के चलते जलस्तर बढ़ रहा है। शनिवार को शाम के समय करीब 16157 फ़ीट पानी बह रहा है । कालाअंब में भी अब पानी का जलस्तर गिरा है। पहले वहां करीब 4.20 मीटर तक पानी था । अभी वहां पर दो मीटर पानी है। वह हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है। बेलदार ऑन साइट है। नदी किनारे लगते निवर्तमान सरपंचों को मैसेज कर दिया गया है। स्थिति नियंत्रण में है । वह स्वयं भी लोगों से अपील करते है कि नदी किनारे न जाएं। - नीतिश चंदेल, एसडीओ, नहरी विभाग

उफान पर पहुंच सकती हैं यमुना समेत अन्य नदियां

यमुनानगर : यमुना नदी के कैचमेंट एरिया व पहाड़ी इलाकों में रुक-रुककर हो रही बारिश को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। प्रशासन ने जिले में बाढ़ संभावित इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है। राहत की बात यह है कि पहाड़ी इलाकों में बारिश होने के बावजूद अभी तक यमुना नदी सामान्य जलस्तर पर बह रही है। यमुना नदी के कैचमेंट एरिया व पहाड़ी इलाकों में रुक-रुककर हो रही बारिश और आसमान में छाए घने बादलों को देखकर प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन ने यमुना नदी व बरसाती नदियों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। शनिवार पांच बजे तक यमुना नदी में 28 हजार 287 क्यूसिक जलस्तर बह रहा था। मगर आसमान में छाए बादलों को देखने से संभावना है कि कभी भी तेज बारिश हो सकती है और यमुना नदी समेत अन्य बरसाती नदियां उफान पर पहुंच सकती है।

Tags

Next Story