Locust Attack : टिड्डी दल के हमलों से निपटने के लिए कृषि विभाग ने तैयारियां शुरू की

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
खरीफ सीजन में पिछले कुछ सालों से फसलों के लिए खतरा साबित हो रहे टिड्डी दल के हमलों से निपटने के लिए कृषि विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। जिसके अंतर्गत मुख्यालय से निर्देश जारी किए गए है कि कृषि उपनिदेशक टिड्डी दल के हमले से फसलों को बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाइयों का का स्टॉक तैयार कर ले। हालांकि अभी टिड्डी दल के हमले की कोई सम्भावना नही है, परन्तु एहतियात के तौर पर कृषि विभाग के मुख्यालय ने निर्देश जारी किए है। जिसके बाद सोनीपत कृषि विभाग भी हरकत में आ गया है।
दरअसल, पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान से राजस्थान के रास्ते से हरियाणा के कई जिलों में टिट़टी दल पहुंचा रहा है। यह दल इतना बड़ा होता है कि रास्ते में आने वाली फसलों को चट कर जाता है। पिछले साल भी कई जिलों में टिड्डी दल के हमलों से प्रदेश के किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। टिड्डी दल को लेकर सोनीपत सहित एनसीआर के कई जिलों को अलर्ट पर रखा गया था। ऐसे में इस बार अगर टिड्डी दल का हमला होता है तो उससे निपटने के लिए कृषि विभाग पहले से ही अपनी पूरी तैयारियां करना चाहता है, ताकि फसलों को कम से कम नुकसान हो सके और टिड्डी दल को क्षेत्र से जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके।
तैयार की जाएगी मॉनिटरिंग टीमें, ग्रामीण स्तर पर तैयार होगी एक्शन टीम
एहतियात के तौर पार कृषि विभाग ने मॉनिटरिंग टीमों के गठन करने का फैसला किया है। यह टीमें हालातों पर नजर रखेगी। यही नही अगर इस बार भी प्रदेश के साथ लगते अन्य राज्यों तक टिड्डी दल पहुंचता है तो तुरन्त एक्शन में आते हुए ग्रामीण स्तर पर एक्शन टीमों का गठन किया जाएगा। यह टीमें कीटनाशकों का छिडकाव करने, किसानों को टिड्डी दल से निपटने के उपायों के बारे में जागरूक करेगी। मॉनिटरिंग टीम टिड्डी दल की मूवमेंट पर भी नजर रखेंगी। दरअसल, टिड्डी दल एक दिन में कई बार कई किलोमीटर का सफर तय कर लेता है। इस दौरान रास्ते में आने वाली फसलों को भारी नुकसान टिड्डी दल की वजह से होता है।
खरीफ सीजन में सोनीपत जिले में उगाई जाएगी करीब 1 लाख 17 हजार हैक्टेयर भूमि में फसलें
खरीफ सीजन के दौरान कृषि विभाग ने सोनीपत जिले में इस बार 1 लाख 17 हजार हैक्टेयर भूमि में विभिन्न प्रकार की फसले उगाने का लक्ष्य रखा है। जिसके अंतर्गत करीब 90 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की फसल उगाई जाएगी। वहीं ज्वार, कपास और बाजरे की फसल भी कई हजार हैक्टेयर में उगाई जाएगी। टिड्डी दल के हमले का सबसे ज्यादा खतरा बाजरा, कपास और ज्वार जैसी फसलों को होता है। जून, जुलाई और अगस्त माह में टिड्डी दल के हमले की संभावना बनी रहती है।
टिड्डी दल के हमला से संबंधित अभी किसी प्रकार की कोई सम्भावना नही है। परन्तु एहतियात के तौर पर इस बार कृषि विभाग ने समय रहते सभी प्रकार की तैयारियों को पूरा करने का फैसला किया है। जिसके अंतर्गत मॉनिटरिंग टीमों का गठन किया जाएगा तथा कीटनाशक दवाइयों का स्टॉक तैयार किया जाएगा, ताकि अगर टिड्डी दल का हमला होता है तो बेहतर ढंग से उससे निपटा जा सके। - अनिल सहरावत, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत
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