विधानसभा में गूंजा यूरिया किल्लत का मुद्दा : कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले, प्रदेश में खाद व उर्वरक की कोई कमी नहीं है, विपक्ष ने किया जमकर हंगामा

विधानसभा में गूंजा यूरिया किल्लत का मुद्दा : कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले, प्रदेश में खाद व उर्वरक की कोई कमी नहीं है, विपक्ष ने किया जमकर हंगामा
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कृषि मंत्री मंगलवार को हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे।

हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र की तीसरे दिन की कार्यवाही के दौरान सदन में विपक्ष की ओऱ से प्रदेश में खाद एवं यूरिया की किल्लत को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया गया। इस दौरान विपक्ष की ओर से गंभीर आरोप लगाए व हंगामा, शोरगुल करते हुए तीखे हमले बोले खाद की कालाबाजारी, शार्टेज, थाने, चौकियों में पुलिस फोर्स की मौजूदगी में खाद वितरण को लेकर हैरानी जाहिर की गई। इसका जवाब हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने दिया लेकिन विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आया। मंत्री को विपक्षी सदस्यों ने अपनी चेयर से उठकर बार-बार टोका, इस दौरान किरण चौधरी और मंत्री के बीज में तीखी बहस, नोकझोंक, आरोप-प्रत्यारोप भी चला व बात तू-तू, मैं-मैं तक पहुंच गई।

इसी तरह से इनेलो विधायक अभय चौटाला और स्पीकर के बीच भी काफी देर तक शून्यकाल में बोलने को लेकर बहस हुई, जिस पर स्पीकर ने साफ कर दिया कि हाउस नियम व कानून से ही चलेगा। सदन में तीसरे दिन भी एचपीएससी भर्ती में घोटाले का मामला बार-बार उठाया गया। मुलाना क्षेत्र से युवा विधायक वरुण मुलाना ने सदन में बुजुर्ग और रिटायर लोगों को सर्विस में रखे जाने की व्यवस्था पर सवाल उठा दिया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मियों को रिटायर करने की उम्र 58 साल कर दी गई है, वहीं कुछ लोगों को रखने के लिए राज्य सरकार विशेष तौर पर ऑर्डिनेंस लाकर कानून बदलने का काम कर रही है। मुलाना ने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी न्यायाधीशों की रिटायरमेंट की उम्र है। कांग्रेस की ओऱ से आफताब अहमद ने खुले में नमाज का मसला एक बार फिर से उठाया, तो सीएम ने साफ कर दिया कि किसी खास मौके पर साल में एक दो बार ही यह इजाजत दी जा सकती है। रोजाना अथवा साप्ताहिक तौर पर इस तरह से किसी को भी यह आज्ञा नहीं होगी। कांग्रेस की ओऱ से एमएसपी को लेकर कानून बनाने, एक प्रस्ताव हरियाणा विधानसभा से पारित कर भेजने की मांग की और नहीं सुनने पर उन्होंने विरोध करते हुए वाकआउट कर दिया।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही सुबह दस बजे से शुरु हुई, जिसमें एक बार फिर से विधायकों ने अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों के मुद्दे उठाए, संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिए। इसके बाद में एक घंटे से ज्यादा वक्त तक शून्यकाल भी चला। जिसमें विपक्ष ने एक बार फिर यूरिया की कमी, एमएसपी की गारंटी देने, भर्तियों में घोटाले जैसे मुद्दे उठाए।

मंगलवार को खाद एवं यूरिया की कमी, कालाबाजारी को लेकर कांग्रेस की किरण चौधरी, इनेलो विधायक अभय चौटाला, कांग्रेस जगबीर मलिक, शीशपाल सिंह,मामन खान, चिरंजीव राव, बिशनलाल सैनी, गीता भुक्कल, आफताब अहमद द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए जमकर हमला किए। किरण चौधरी ने मंत्री जेपी दलाल को उनके हलके में नहीं घुसने देने की बात कही, इस पर मंत्री ने भी जवाब दिया कि किरण चौधरी को इलाके का कुछ पता नहीं होता, कईं मुद्दों पर जमीनी हकीकत के विपरीत बोलती हैं। इस दौरान दोनों के बीच में तीखी बहस व आरोप-प्रत्यारोप का सिलिसला भी चला। बाद में स्पीकर ने दोनों पक्षों को शांत किया, विपक्ष के आरोप थे कि मंत्री का जवाब पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा है। इसके विपरीत खाद व यूरिया को लेकर महिलाओं को थानों के अंदर लाइन में लगना पड़ गया।

लगातार दूसरे दिन भी विपक्षी कईं विधायकों ने भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के साथ-साथ चेयरमैन को हटाने की मांग उठाई। नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और जेपी दलाल के बीच में भी काफी देर तक नोंकझोंक हुई, नेता विपक्ष ने उन्हें बात रखने देने के लिए कहा। जीरो अवर में बोलने के लिए तीन मिनट का वक्त देने पर भी अभय सिंह ने आपत्ति उठाई साथ ही स्पीकर से कहा कि एक बार बोल चुके विधायक को दोबारा नहीं बोलने देने का कोई नियम नहीं हैं।

विधानसभा में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विस्तार से जवाब दिया और आंकड़ों के साथ में बताया कि कालाबाजारी करने वालों पर शिकंजा कसा गया है। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में खाद व यूरिया मंगाया गया है लेकिन विपक्ष की ओऱ से अफवाह फैलाई जा रही है। विपक्ष की ओऱ से वोकेशनल शिक्षकों के आंदोलन और कर्मियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन का मसला उठाया। हरियाणा तालाब तथा अपजल प्रबंधन प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक को लेकर कांग्रेस के विधायक वरुण मुलाना ने रिटायर लोगों को लगाए जाने पर आपत्ति की, तो उनके समर्थन में बीबी बतरा, गीता भुक्कल कईं विधायकों ने अपनी बात रखी।

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