प्राकृतिक खेती करने के क, ख, ग को पढ़ने कुरुक्षेत्र जाएंगे कृषि अधिकारी व कर्मचारी

प्राकृतिक खेती करने के क, ख, ग को पढ़ने कुरुक्षेत्र जाएंगे कृषि अधिकारी व कर्मचारी
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14 जुलाई से लेकर 16 जुलाई तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) में आयोजित ट्रेनिंग कैंप में शिरकत करेंगे। इस ट्रेनिंग कैंप में कृषि अधिकारियों व कर्मचारियों को प्राकृतिक खेती के प्रत्येक पहलू के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसे किसी तरह से लागू किया जा सकता है, इस संबंध में विस्तृत से बताया जाएगा।

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

किसानों को प्राकृतिक खेती (Natural Farming) करने के लिए सरकार जागरूक करने कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। योजना को धरातल पर लागू करने के लिए सरकार की तरफ से कृषि अधिकारियों को ट्रेनिंग प्रोग्राम की रूप रेखा तैयार की हैं। जिले के कृषि अधिकारी तीन दिनों तक कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती के क, ख, ग को ज्ञान लेगें। कृषि अधिकारी व कर्मचारी आगामी 14 जुलाई से लेकर 16 जुलाई तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित ट्रेनिंग कैंप में शिरकत करेंगे। इस ट्रेनिंग कैंप में कृषि अधिकारियों व कर्मचारियों को प्राकृतिक खेती के प्रत्येक पहलू के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसे किसी तरह से लागू किया जा सकता है, इस संबंध में विस्तृत से बताया जाएगा।

बता दें कि खेती की लागत मूल्य को शून्य करने और रासायनिक खेती से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए हरियाणा सरकार ने अपना प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट को शुरू किया था। गत खरीफ सीजन के दौरान प्राकृतिक खेती को लागू करना था। परन्तु कोरोना संक्रमण की वजह से पैदा हुए हालातों के कारण यह प्रोजेक्ट लम्बे समय से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। परन्तु अब एक बार फिर से प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए सरकार ने कदम आगे बढ़ाए है और कुरुक्षेत्र में तीन दिनों का ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने का फैसला किया है।

कृषि विभाग के डीडीए से लेकर एडीओ तक को दी जाएगी ट्रेनिंग : प्राकृतिक खेती को लेकर आयोजित तीन दिनों के ट्रेनिंग कैंप में सोनीपत कृषि विभाग के 47 अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे। जिसके अंतर्गत कृषि उपनिदेशक अनिल सहरावत के साथ एसडीएओ राजेन्द्र प्रसाद, तकनीकी सहायक देवेन्द्र कुहाड़, हरीश दहिया, वरुण कुमार, निरंजन कुमार आदि शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त सभी ब्लाक के बीएओ, एडीओ, बीटीएम व एमटीएम पद पर तैनात कर्मचारियों को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रैनिंग पूरी होने के बाद किसानों तक प्राकृतिक खेती की प्रक्रिया को पहुंचाया जाएगा।

प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए कृषि अधिकारियों को जागरूक करने के लिए ट्रेनिंग दी जायेगी। तीन दिन तक कृषि अधिकारी कुरूक्षेत्र में जुटेंगे। उसके बाद प्रोजेक्ट को कृषि विभाग धरातल पर उतारने में कामयाब रहेगा। प्राकृतिक खेती से किसानों की फसल उत्पादन की लागत कम होगी और प्रकृति को भी फायदा पहुंचेगा। - अनिल सहरावत, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत।

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