एम्स : अब मांगी 50 एकड़ एक्सट्रा जमीन, ग्रामीणों के सब्र का इंतिहान ले रही सरकार

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी
माजरा में प्रस्तावित एम्स को लेकर शायद सरकार लगातार ग्रामीणों के सब्र का इंतिहान ले रही है। सरकार की ओर से लगाई गई सभी शर्तों को एम्स निर्माण समिति ने विषम परिस्थितियों में भी पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मंत्री से लेकर अधिकारियों तक की ओर से रजिस्ट्री कार्य जल्द पूरा कराने का भरोसा भी बार-बार दिया जा रहा है, परंतु यह 'जल्द' लंबे समय से जमीनी हकीकत में नहीं बदल पा रहा है। शुक्रवार को गांव माजरा पहुंची अधिकारियों की एक टीम ने एक बार फिर एम्स निर्माण समिति की उम्मीदों को झटका देने का काम किया है। टीम ने समिति को बताया है कि प्रदेश के राजस्व विभाग निदेशालय की ओर से 50 एकड़ जमीन और मांगी गई है। इसी बीच टीम में शामिल तहसीलदार ने यह भरोसा भी दिलाया गया है कि 50 एकड़ जमीन प्रोजेक्ट को बड़ा करने के लिए मांगी गई, परंतु इससे वर्तमान जमीन की खरीद प्रक्रिया पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
एम्स के लिए सरकार की ओर से 200 एकड़ जमीन की मांग की गई थी। एम्स निर्माण समिति ने 201 एकड़ से ज्यादा जमीन देने की सभी औपचारिकताएं पूरी कराकर प्रशासन को अप्रैल माह में ही दस्तावेज सौंप दिए थे। इसके बाद कैबिनेट मंत्री डा. बनवारीलाल ने दावा किया था कि एक सप्ताह में जमीनों की रजिस्ट्री का कार्य शुरू हो जाएगा। अधिकारी भी जल्द रजिस्ट्रियां शुरू कराने के आश्वासन देते रहे, परंतु अभी तक यह कार्य शुरू नहीं हो पाया है। अप्रैल माह में ही समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने जब अधिकारियों से जमीनों की रजिस्ट्री के लिए डेडलाइन मांगी थी, तो तत्कालीन डीसी यशेंद्र सिंह ने 1 अप्रैल से रजिस्ट्रियों का कार्य शुरू कराने का भरोसा दिलाया था। अप्रैल माह का पहला पखवाड़ा खत्म होने जा रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन किसानों की जमीन सरकार के नाम कराने की प्रक्रिया शुरू नहीं करा पाया है।
रजिस्ट्रियों का कार्य शुरू नहीं होने के कारण एम्स समिति के पदाधिकारियों ने प्रधान जगदीश यादव के नेतृत्व में राव इंद्रजीत सिंह से उनके दिल्ली निवास पर मुलाकात की थी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल से फोन पर बात की थी। राव ने अधिकारियों से हुए संवाद के बाद भरोसा दिया था कि जल्द रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद चंडीगढ़ में तत्कालीन डीसी यशेंद्र सिंह की उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग के बाद अधिकारियों की एक टीम ने माजरा जाकर ग्रामीणों को बताया था कि एफसीआर ने वर्तमान नक्शे को सीधा करने की शर्त रखी है। नक्शे के बीच में आने वाली करीब 15 एकड़ जमीन और जोड़ने की शर्त रखी गई, परंतु डा. बनवारीलाल ने ग्रामीणों को भरोसा दिया था कि वर्तमान नक्शे के आधार पर ही जमीन ली जाएगी।
शुक्रवार को डीआरओ राजेश कुमार व तहसीलदार प्रदीप देशवाल गिरदावर व पटवारी के साथ गांव माजरा पहुंचे, तो एम्स निर्माण समिति के पदाधिकारियों की उम्मीदें बढ़ गईं। उनकी उम्मीदों को उस समय झटका लगा, जब अधिकारियों ने बताया कि एफसीआर की ओर से 50 एकड़ जमीन और देने की मांग की गई है। एम्स समिति के प्रधान जगदीश यादव ने अधिकारियों को बताया कि पहले उपलब्ध 201 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री करा ली जाए। इसके बाद जरूरत के अनुसार और जमीन दिलाने की व्यवस्था कर दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को यह भी आश्वासन दिया कि इस प्रोजेक्ट की राह में जमीन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
खत्म नहीं हो रहा किसानों का इंतजार
सरकार को जमीन देने के लिए तैयार किसान रजिस्ट्री में हो रही देरी के कारण असमंजस की स्थिति में फंसे हुए हैं। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि वह इस जमीन पर फसल की बिजाई करें या नहीं। जमीन की रजिस्ट्रियां सरकार के नाम होने के बाद किसानों का जमीन से अधिकार खत्म हो जाएगा। दूसरी ओर पंचायती जमीन को खेती के लिए पट्टे पर देने की प्रक्रिया को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एम्स के लिए पंचायत की ओर से दी जाने वाली जमीन का बड़ा हिस्सा खेती के लिए पट्टे पर दिया जाता है। अगर जमीन सरकार के नाम हो जाती है, तो इसकी पट्टे के लिए नीलामी प्रक्रिया नहीं हो सकेगी। नई रबी की फसल बिजाई का समय करीब आने के कारण पट्टा छोड़ने का समय आ गया है।
प्रोजेक्ट को बड़ी करने के लिए एफसीआर की ओर से 50 एकड़ एक्सट्रा जमीन मांगी गई है। इससे वर्तमान में उपलब्ध जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जमीनों की रजिस्ट्री कराने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। यह कार्य अगले सप्ताह के शुरू में कराने जाने की पूरी संभावना है। -प्रदीप देशवाल, तहसीलदार, रेवाड़ी।
जिस जमीन की रजिस्ट्रियां कराने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, सरकार पहले उसे तो अपने नाम कराए। इसके बाद अगर सरकार को और जमीन की जरूरत होगी, तो वह भी उपलब्ध करा दी जाएगी। प्रशासन को इस कार्य में देरी नहीं करनी चाहिए। -जगदीश यादव, प्रधान, एम्स समिति।
चंडीगढ़ से सब कुछ फाइनल करा दिया गया है। पचास एकड़ अतिरिक्त जमीन की कोई शर्त नहीं है। अगर अतिरिक्त जमीन मिल जाती है, तो यह प्रोजेक्ट के लिए अच्छी बात है। मुआवजे के लिए एकाउंट खुलवा दिया गया है। अगले चार-पांच दिनों में रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए किसानों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। -अशोक कुमार गर्ग, डीसी, रेवाड़ी।
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