हरियाणा में बनेगा एम्स, सरकार के नाम रजिस्ट्रियां कराने की सभी औपचारिकताएं पूरी

नरेन्द्र वत्स : रेवाड़ी
रेवाड़ी के माजरा में प्रस्तावित एम्स के लिए सरकार के नाम जमीनों की रजिस्ट्रियां कराने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावनाएं बन गई हैं। नए सप्ताह के शुरू में किसानों की जमीन सरकार के नाम कराने का कार्य शुरू हो सकता है। जमीन सरकार के नाम करने की सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। अगर अब प्रशासन की ओर से देरी की गई, तो जमीनों की रजिस्ट्री काम मामला खटाई में पड़ सकता है।
सरकारी पोर्टल पर करीब 500 किसानों की 202 एकड़ जमीन अपलोड की गई थी। इसके बाद जब प्रशासन की ओर से जमीनों की रजिस्ट्रियां कराने की तैयारी की गई, तो कुछ भू-मालिकों की मौत हो चुकी थी। संबंधित जमीनों के वारिश बढ़ जाने के कारण नए सिरे से मुआवजे का बंटवार तय करने के लिए नए इंतकाल दर्ज कराने का कार्य शुरू किया गया था। एम्स कमेटी के सदस्यों ने इस कार्य में प्रशासन का उम्मीद से बढ़कर सहयोग किया। माजरा के युवा वर्ग ने भी इंतकाल से संबंधित कार्य को पूरा कराने में कमेटी और प्रशासन का पूरा सहयोग किया था। इसके बाद प्रशासन ने स्वर्ग सिधार चुके भू-मालिकों के बाद उनके वारिशों के नाम होने वाली जमीन को नए सिरे से पोर्टल पर अपलोड कराने का निर्णय लिया था।
एम्स कमेटी ने युवाओं के सहयोग से पहले पटवारियों से मिलकर मृतकों के वारिशों के नाम जमीन के इंतकाल दर्ज कराए। इसके बाद उन्होंने नए भू-मालिकों की जमीन पोर्टल पर अपलोड कराने में भी सराहनीय भूमिका अदा की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार के नाम रजिस्ट्रियां कराने की तमाम औपचारिकताएं अब पूरी हो चुकी हैं। प्रशासन को अब भू-मालिकों को निर्धारित मुआवजा राशि देकर इस जमीन को सरकार के नाम कराना है। ऐसा माना जा रहा है कि अब अगर जमीन सरकार के नाम कराने के कार्य में देरी होती है, तो कुछ और बुजुर्ग किसानों के स्वर्ग सिधार जाने की सूरत में इस कार्य में नया पेंच फंस सकता है। एम्स कमेटी चाहती है कि प्रशासन जल्द से जल्द जमीन सरकार के नाम कराने की प्रकिया शुरू करे।
एक और किसान की हुई मौत
सरकारी पोर्टल पर अपलोड हुई जमीन के कई मालिक उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं। अगर इनमें से किसी भी किसान की मौत होती है, तो जमीन पहले उनके वारिशों के नाम कराई जाएगी। इसके बाद नए सिरे से पार्टल पर जमीन अपलोड की जाएगी। शुक्रवार को गांव के एक किसान कंवर सिंह की मौत हो चुकी है। अब उस जमीन के 4 वारिश बन गए हैं। कमेटी का मानना है कि ऐसे कुछ और बुजुर्ग भू-मालिकों का इंतकाल हो जाता है, तो जमीन को नए सिरे से अपलोड कराने का पचड़ा फंस सकता है। ऐसे में प्रशासन को सरकार के नाम जमीन कराने के कार्य में देरी नहीं करनी चाहिए।
औपचारिकताएं लगभग पूरी
जमीन की रजिस्ट्रियां सरकार के नाम कराने की औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। डीआओ से विचार-विमर्श करने के बाद इस कार्य को जल्द शुरू कराया जा रहा है। उम्मीद है कि नए सप्ताह में इस कार्य को शुरू करा दिया जाए। - यशेंद्र सिंह, डीसी, रेवाड़ी।
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