फ्लाइट कैंसिल होने पर वापस नहीं दिया किराया, Air Costa कंपनी को 50 हजार का जुर्माना

फ्लाइट कैंसिल होने पर वापस नहीं दिया किराया, Air Costa कंपनी को 50 हजार का जुर्माना
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उपभोक्ता कमीशन ने एक माह में आदेश की पालना नहीं करने पर 3 साल की सजा या एक लाख रुपये जुर्माना देने की हिदायत दी है।

रेवाड़ी। जिला उपभोक्ता कमीशन ने हवाई यात्रा टिकट की कीमत वापस ना करने पर एयर कोस्टा फ्लाइट कंपनी एवं एजेंट पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा करने के साथ किराए की राशि भी 9 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करनी होगी। उपभोक्ता कमीशन ने एक माह में आदेश की पालना नहीं करने पर 3 साल की सजा या एक लाख रुपये जुर्माना देने की हिदायत दी है।

जानकारी के अनुसार शहर के मोहल्ला संघी का बास निवासी रोहित कुमार ने अपने परिवार एवं दोस्तों के साथ दिल्ली से तिरुपति बालाजी जाने के लिए शहर के ही पंजाबी मार्केट गोकल बाजार स्थित विमान ट्रैवल्स से 11 टिकटें बुक कराई थी, इसमें एजेंट ने 4 फरवरी 2017 को स्पाइसजेट फ्लाइट से दिल्ली से हैदराबाद की टिकट बुक की थी। इसके बाद हैदराबाद से सीधे तिरुपति बालाजी जाने के लिए एयर कोस्टा एयरलाइन से टिकट बुक की गई थी और एयर कोस्टा एयरलाइन से ही तिरुपति बालाजी से हैदराबाद वापस आने के लिए टिकट बुक एजेंट ने कराई थी। इन टिकटों के लिए एजेंट ने रोहित कुमार व उनके साथियों से 60,428 रुपए वसूल किए गए थे। एयर कोस्टा फ्लाइट की टिकट 11 मार्च 2017 के लिए बुक थी, लेकिन कंपनी ने 6 मार्च 2017 को उक्त फ्लाइट कैंसिल कर दी। फ्लाइट कैंसिल होने के बाद रोहित कुमार व उसके साथियों ने 106236 रुपए की दूसरी फ्लाइट की टिकट ली, जिसमें उसे ज्यादा पैसे अदा करने पड़े।

इतना ही नहीं इसके बाद फ्लाइट से चेन्नई तक जाना पड़ा और चेन्नई से तिरुपति बालाजी तक 20 हजार रुपए देकर टैक्सी करनी पड़ी थी। जब उन्होंने टिकट का पैसा वापस मांगने के लिए एजेंट से निवेदन किया तो एजेंट ने एयर कोस्टा कंपनी से पैसा नहीं मिलने की बात कहकर टिकट की कीमत अदा नहीं की। इसके बाद रोहित ने जिला उपभोक्ता कमीशन में 4 जुलाई 2019 को एक शिकायत अधिवक्ता अश्वनी तिवारी की ओर से दायर की थी। शिकायत का निपटारा करते हुए जिला उपभोक्ता कमीशन के चेयरमैन संजय कुमार खंडूजा व सदस्य डॉ ऋषि दत्त कौशिक ने कहा कि अचानक फ्लाइट कैंसिल करने और उसका रिफंड वापस ना करने के कारण शिकायतकर्ता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शिकायतकर्ता की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर उपभोक्ता आयोग ने कंपनी एवं एजेंट दोनों संयुक्त रूप से 50 हजार बतौर क्षतिपूर्ति 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करने, टिकट की राशि 60,428 व टैक्सी में होने वाले खर्च 20 हजार रुपए उपभोक्ताओं को अदा करने के निर्देश दिए है।

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