ठंड की आगाज के साथ बढ़ा वायु प्रदूषण, दिल्ली सहित हरियाणा व यूपी के कई शहरों की हवा हुई दमघोंटू

ठंड की आगाज के साथ देश में वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। जिससे राजधानी दिल्ली समेत बाकी शहरों की हवा दमघोंटू होती जा रही है। बीते दिनों हुई बारिश के बाद आसमान साफ जरूर हुआ था। लेकिन एक बार फिर मौसम ने करवट बदली है और ठंड के साथ प्रदूषण खतरनाक स्तर की ओर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का ताजा डेटा भी वायु प्रदूषण में हो रही इस वृद्धि के तथ्य की साफ पुष्टि कर रहा है। जिसमें देश के कुल 134 शहरों के वायु प्रदूषण की स्थिति का विश्लेषण करते हुए यह बताया गया कि 30 अक्टूबर को इनमें से 79 शहरों में प्रदूषण को लेकर हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसमें 33 शहर वायु प्रदूषण के मामले में खराब की श्रेणी में शामिल हुए हैं। इसमें राजधानी दिल्ली भी शामिल है। बहुत खराब की श्रेणी में 2 शहर शामिल हुए हैं। इसके अलावा मॉडरेट की श्रेणी में सबसे ज्यादा 44 शहर शामिल हुए हैं।
खराब की श्रेणी में राजधानी दिल्ली
सीपीसीबी द्वारा वायु प्रदूषण के रोजाना जारी किए जाने वाले डेटा चार्ट में राजधानी दिल्ली खराब की श्रेणी में है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) मौसम में हल्के बदलाव के साथ 268 पर जा पहुंचा है। इसके पीछे पीएम 10 और पीएम 2.5 मुख्य कारण बनकर उभरे हैं। बोर्ड ने दिल्ली में कुल 35 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों द्वारा एकत्रित किए गए डेटा के हिसाब से राजधानी के वायु प्रदूषण का यह आंकड़ा जारी किया है। इसके अलावा इस श्रेणी में आगरा, बागपत, भोपाल, बुलंदशहर, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, हापुड़, कटनी, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नोएडा, प्रयागराज, ठाणे, वृंदावन सहित हरियाणा के शहर बहादुरगढ़, भिवानी, धारूहेड़ा, चरखी-दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, मानेसर, नारनौल, रोहतक और यमुनानगर शामिल हैं।
बेहद खराब श्रेणी में शामिल ये 2 शहर
बोर्ड के हिसाब से वायु प्रदूषण को लेकर इस वक्त बेहद खराब स्थिति में दो शहर हैं। इसमें बल्लभगढ़ और भिवाड़ी मुख्य हैं। बल्लभगढ़ में एक्यूआई 380 पर पहुंच गया है। इसे बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान वायु प्रदूषण को बढ़ाने वाले कारक पीएम 2.5 का है। इसके अलावा बेहद खराब की श्रेणी में शामिल हुआ दूसरा शहर भिवाड़ी है। यहां पर एक्यूआई 348 पर है। पीएम 2.5 ही इसकी वजह है।
मॉडरेट श्रेणी में शामिल हुए शहर
मॉडरेट की श्रेणी में सबसे ज्यादा 44 शहर शामिल हुए हैं। इसमें देवास, पटियाला, रतलाम, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, मुंबई, श्रीनगर, उज्जैन और हरियाणा में अंबाला, चंडीगढ़, फतेहाबाद, करनाल, पानीपत, सिरसा, सोनीपत जैसे शहर शामिल हुए हैं। इन जगहों पर वायु प्रदूषण को बढ़ाने और हवा को जहरीला बनाने में ओ3, एनओ 2, पीएम 2.5, सीओ, पीएम-10 जैसे कारकों का योगदान है।
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