अजय चौटाला का किसान नेताओं पर हमला : टोली वाले सरदार जी यूपी जाकर आंदोलन क्यों नहीं करते, दुष्यंत के पीछे क्यों पड़े हैं

अजय चौटाला का किसान नेताओं पर हमला : टोली वाले सरदार जी यूपी जाकर आंदोलन क्यों नहीं करते, दुष्यंत के पीछे क्यों पड़े हैं
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अजय चौटाला ने कहा कि कुछ विपक्षी लोग यह कहते हैं कि किसानों के समर्थन में दुष्यंत चौटाला को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून केंद्र की सरकार ने बनाए और इस्तीफा दुष्यंत चौटाला से मांगा जा रहा है, यह कैसा तर्क है।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

नारनौल पहुंचे जनननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला के निशाने पर किसान आंदोलनकारी रहे। उन्होंने आंदोलनकारियों पर खूब व्यंग्य बाण छोडे़ और कहा कि टोली वाले सरदार जी यूपी जाकर आंदोलन क्यों नहीं करते। पंजाब वाले वहां नहीं बोलते, जबकि हरियाणा में एमएसपी पर दस फसलें तो पंजाब में केवल दो फसलें गेहूं और धान एमएसपी पर खरीदा जाता है। ये सब डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व हरियाणा सरकार के पीछे पड़े हैं।

राजस्थान में भी आंदोलन शांत है, लेकिन हरियाणा वालों को बरगला रखा है। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं में अगर इतना ही दम है तो पहले वे अपने राज्यों में विरोध करके दिखाएं। अजय चौटाला पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करत रहे थे। अजय चौटाला ने कहा कि कुछ विपक्षी लोग यह कहते हैं कि किसानों के समर्थन में दुष्यंत चौटाला को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून केंद्र की सरकार ने बनाए और इस्तीफा दुष्यंत चौटाला से मांगा जा रहा है, यह कैसा तर्क है। डा. अजय सिंह ने कहा कि यदि दुष्यंत चौटाला के इस्तीफा देने से किसानों का भला हो सकता है तो वे केवल दुष्यंत चौटाला ही नहीं, बल्कि सभी दसों विधायकों का इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने इनेलो पर चुटकी लेते हुए कहा कि ले-देकर एक ही विधायक बचा था, उसने भी इस्तीफा दे दिया। पर हुआ कुछ नहीं।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के इशारों पर प्रदेश में अव्यवस्था पैदा करने वाले लोग बार-बार यह कहते हैं कि किसान बिल काला कानून है, लेकिन कोई भी यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि इसमें काला क्या है। चौटाला ने कहा कि कोरोना के कारण देश के लगभग हर क्षेत्र में उत्पादन पर भारी गिरावट दर्ज की गई, लेकिन कृषि क्षेत्र में इसमें भारी बढ़ोतरी देखी गई है। देश व प्रदेश के किसानों को वर्तमान सरकार हर तरह की सहायता कर रही है। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए नई-नई योजनाएं लाई जा रही हैं।




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