AJL प्लाट आवंटन मामला : CBI ने की चार्ज फ्रेम को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने की मांग

एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) प्लाट आवंटन मामले में पंचकूला सीबीआई कोर्ट द्वारा चार्ज फ्रेम किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने की सीबीआई ने मांग की है। सीबीआई ने कहा कि अपील सुनते हुए हाईकोर्ट को केवल यह देखना चाहिए कि प्रथम दृृष्टया अपराध बनता है या नहीं। इस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया जिसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने एजेएल को प्लॉट आवंटित किया था। 10 साल तक निर्माण न होने पर हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) ने इसे वापिस ले लिया। 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 1982 में तय की गई कीमत पर ही प्लाट एजेएल को फिर से आवंटित कर दिया। सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और (एजेएल) के तत्कालीन अध्यक्ष मोती लाल वोहरा के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया था। सीबीआई ने दावा किया था कि एजेएल को दोबारा प्लाट आबंटन करने से बहुत ज्यादा राजस्व का नुक्सान हुआ था। ईडी ने भी मामले की जांच की और पंचकूला में एजेएल को जमीन आवंटन में अनियमितताओं के चलते आरोपपत्र दायर किया था।
सीबीआई कोर्ट ने 16 अप्रैल को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। आरोप के अनुसार यह प्लॉट एजेएल को आवंटित किया गया था जिसे यंग इंडिया लिमिटेड के माध्यम से गांधी परिवार द्वारा संचालित किया जाता है। इसी को हुड्डा ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। अब सीबीआई ने जवाब दाखिल करते हुए कहा कि इस मामले में आरोप तय करने का फैसला सही था। इस प्रकार के मामले मेंं सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि हाईकोर्ट को मेरिट के आधार नहीं बल्कि प्रथम दृष्टया आधार पर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई करनी चाहिए। सीबीआई ने हाईकोर्ट से याचिका को खारिज करने की मांग की है।
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