पानीपत में कोयला आधारित सभी इंडस्ट्री बंद, गैर पीएनजी ईंधन से उद्योग चलता मिला तो एक करोड़ का होगा जुर्माना

पानीपत। पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के अलावा अन्य ईंधनों जैसे कोयले, लकड़ी, उफले आदि के चलने वाले पानीपत के सभी टेक्सटाइल उद्योग शनिवार से अनिश्चित काल के लिए बंद हो गए है। वहीं पीएनजी के अलावा अन्य किसी भी ईंधन के प्रयोग से यदि उद्योग चला तो उस पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक करोड रूपये तक का जुर्माना करेगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को प्रदूषण से बचाने के लिए बोर्ड की सख्ती के मद्देनजर पानीपत के कोयला आधारित सभी डाई हाउस व विभिन्न श्रेणी के कंबल बनाने वाली फैक्टरियां बंद हो गई। इनमें कोयला, लडकी, उफले आदि ईंधन के प्रयोग से बॉयलरों को गर्म किया जाता था, वहीं शनिवार से बॉयलर का प्रयोग कर रही सभी फैक्टरियों बंद हो गई और इनकी संख्या एक हजार से अधिक है। इन फैक्टरियों में करीब चार लाख प्रवासी व स्थानीय श्रमिक काम करते है।
उद्यमियों ने बैठक की
कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) आदेश के खिलाफ शनिवार की शाम को पानीपत के सभी औद्योगिक संगठन एकजुट हो गए। पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रीतम सचदेवा की अध्यक्षता में उद्यमियों की मीटिंग हुई। मीटिंग में डाइंग, कैमिकल, धागा, फैबिरिक, कंबल व कारपेट से जुड़े औद्योगिक संगठनों के प्रधानों ने भाग लिया। मीटिंग में सर्वसम्मति से तय हुआ कि पीएनजी को लेकर यदि 13 अक्तूबर तक उद्योगों पर दिए गए सीएक्यूएम के आदेश वापस नहीं लिए गए तो पूरे एनसीआर के उद्यमी व श्रमिक सड़कों पर उतरेंगे और एनसीआर में आंदोलन शुरू किया जाएगा। मीटिंग में भीम राणा, ललित गोयल, अनिल बंसल, अशोक कुमार, विनोद कुमार समेत बडी संख्या में उद्यमी नेताओं ने भाग लिया।
उद्यमियों ने की ये मांगे
पानीपत डायर्स एसोसिएशन के चेयरमैन भीम राणा ने कहा कि उद्यमियों ने मीटिंग में आरोप लगाया कि एक्यूसीएम, उद्यमियों पर बॉयलर को पीएनजी पर शिफ्ट करने का दबाव बना रहा है। उन्हें पीएनजी के बॉयलर चलाने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया। पीएनजी के बर्नर भी बाजार में उपलब्ध नहीं है। भारत में बर्नर बहुत कम बनते हैं। ऐसे में कंपनी बर्नरों की पूर्ति नहीं कर पा रही है। दो-दो साल की बर्नर की वेटिंग चल रही है। इसलिए उन्हें बॉयलर को पीएनजी पर शिफ्ट करने के लिए दो साल का वक्त चाहिए। वहीं एपीएम 800 से 80 पर लाया मुश्किल है, इसमें राहत मिलनी चाहिए। बॉयलर विशेषज्ञों की टीम उपलब्ध कराई जाए। पीएनजी के दाम स्थिर किए जाए। 13 अक्तूबर तक मांगे नहीं मानी गई तो सड़कों पर उतरेंगे।
सीपीसीबी ने उद्योगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए : सैनी
कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पीएनजी के अलावा किसी भी तरह के ईंधन से संचालित उद्योगों पर कार्रवाई के निदेर्ेश दे दिए हैं। अगर कोई उद्योग जांच में पीएनजी के अलावा अन्य ईंधन से चलता मिला तो उस पर एक करोड़ रुपये जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जुर्माना जमा नहीं करने वाले उद्यमी को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर पांच साल की कैद की सजा भोगनी होगी। उन्होंने कहा कि पीएनजी के अलावा अन्य ईंधन का प्रयोग करने वाली फैक्टरियों पर कार्रवाई को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली में बैठक की और बैठक में सख्त निर्देश दिए गए कि तय नियमों की पालना नहीं करने वाले उद्यमियों से सख्ती से निपटों। उन्होंने कहा कि सोमवार से फैक्टरियों की जांच की जाएगी, गैर पीएनजी से चलने वाले उद्योगों पर कार्रवाई की जाएगी।
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