Ambala : गृहमंत्री अनिल विज का ओएसडी बनकर भाजपा नेता ने ठगे 27 लाख

- पुलिस ने आरोपी भाजपा नेता को किया काबू, भांजा फरार
- सब इंस्पेक्टर भर्ती करवाने के नाम पर 18 लाख ठगे, बहाली के नाम पर लिए 8 लाख
Ambala : भाजपा सदर मंडल के उपाध्यक्ष आशीष गुलाटी 27 लाख की ठगी मामले में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी ने खुद को गृहमंत्री अनिल विज का ओएसडी बताकर एक मंडी कारोबारी को चूना लगाया था। मामले की शिकायत विज के पास पहुंची तो उन्होंने आईजी शिवास कविराज को कार्रवाई के आदेश दिए। पुलिस ने आशीष गुलाटी के साथ इस मामले में उनके भांजे लक्ष्य दत्ता को भी आरोपी बताया। लक्ष्य के जरिए ही ठगी का पूरा खेल हुआ है। पुलिस लक्ष्य को तलाश रही है। अब रिमांड के जरिए पुलिस आरोपी आशीष गुलाटी से पूछताछ कर रही है।
पिहोवा अनाज मंडी के कारोबारी मनीष गर्ग ने गृहमंत्री अनिल विज को शिकायत देकर भाजपा नेता आशीष गुलाटी पर ठगी का आरोप लगाया था। मनीष ने बताया कि काम के सिलसिले में 11 मार्च को उसकी मुलाकात अंबाला छावनी के एक रेस्टोरेंट में लक्ष्य दत्ता से हुई थी। यहां लक्ष्य दत्ता ने मनीषा गर्ग से अपने मामा आशीष गुलाटी को भी मिलवाया था। तब उसने मनीष को यह बताया कि उसके मामा गृहमंत्री अनिल विज के ओएसडी हैं। लक्ष्य ने गृहमंत्री विज को भी अपना ताया बताया था। मनीष गर्ग ने बताया कि उसके किसी पार्टी के पास सवा करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम फंसी हुई है। तब आशीष गुलाटी ने उसके सामने स्पीकर ऑन करके एसपी कुरुक्षेत्र सुरेंद्र भोरिया से बातचीत की। गुलाटी ने एसपी से बात कर जल्द ही उसके पैसे निकलवाने का आश्वासन दिया। आशीष ने पुलिस से जुड़ा हर काम करने की बात कही थी।
मनीष ने बताया कि आरोपियों ने उसे अपने जाल में फंसाकर उससे दो लाख रुपए ले लिए। इसके बाद सब इंस्पेक्टर भर्ती करवाने के नाम पर उससे 18 लाख रुपए लिए गए। मनीष ने यह रकम बाखली गांव के किसान विक्रम सिंह से ली थी। विक्रम ने सब इंस्पेक्टर के लिए अपने साले के बेटे अभिषेक का नाम दिया था। विक्रम ने अपने खाते से 11 लाख रुपए ट्रांसफर किए और 7 लाख रुपए नकद दिए थे। पैसे लेने के बाद लक्ष्य ने अभिषेक को पुलिस में सब इंस्पेक्टर भर्ती होने की ऑर्डर कॉपी भी उन्हें भेज दी थी। ऑर्डर में उसका बेल्ट नंबर का भी जिक्र था। इसी दौरान आरोपियों ने विक्रम के साले अजय कुमार को बहाल कराने के लिए भी लक्ष्य को 8 लाख रुपए दे दिए। विक्रम सिंह ने 7 लाख रुपए आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिए जबकि एक लाख बाद में देने को कहा। 27 लाख रुपए हड़पने के बावजूद आरोपियों ने कोई काम नहीं करवाया। अब पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
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