Ambala : सेंट्रल जेल का डीएसपी चार्जशीट, सब इंसपेक्टर व सिपाई सस्पेंड

Ambala : सेंट्रल जेल का डीएसपी चार्जशीट, सब इंसपेक्टर व सिपाई सस्पेंड
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  • अदालत ने जमानत पाने वाले बंदी की जगह दूसरे बंदी को रिहा करने के मामले में जेल प्रबंधन ने की कार्रवाई
  • अब रिहाई की व्यवस्था में भी किया जा रहा बदलाव

Ambala : अदालत से जमानत पाने वाले बंदी तरसेम की जगह स्नेचिंग व ठगी के केस में हवालाती सुखदीप उर्फ सुक्खा को छोड़ने के मामले में जेल सुपरीटेंडेंट सतिंद्र बिश्नोई ने डीएसपी यश हुड्डा को चार्जशीट कर दिया है। इसके सथ ही फिंगर स्कैन करने वाले सिपाही बलविंद्र व बंदी को छोड़ने वाले एएसआई सतबीर सिंह को सस्पेंड कर दिया। अब पुलिस फरार आरोपी सुक्खा को तलाश रही है।

बलदेव नगर पुलिस पुलिस ने जेल उप अधीक्षक नीलम की शिकायत पर दोनों बंदियों के खिलाफ साजिशन धोखाधड़ी व लोकसेवक की लापरवाही से भाग जाने की धाराओं में केस दर्ज किया है। जेल प्रबंधन की शिकायत पर दर्ज मामले में तरसेम पर सुक्खा को मिलीभगत व षड्यंत्र के तहत भगाने का आरोप है। मामले में तरसेम के परिजनों ने गृहमंत्री अनिल विज को शिकायत देकर जेल प्रबंधन पर ही लापरवाही से दूसरे बंदी को रिहा करने के आरोप लगाए थे। पुलिस ने तरसेम को 25 अक्टूबर को घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में नामजद किया था। इसके बाद उसे 17 नवंबर 2023 को गिरफ्तार किया। तरसेम तभी से जेल में बंद है। इसी तरह पंजाब का रहने वाला सुक्खा नारायणगढ़ थाना के मुकदमा नंबर 233 में हिरासत से भाग जाने के केस व अन्य 3 केसों में 15 नवंबर से जेल में बंद था। 4 दिसंबर को तरसेम की जमानत हो गई। उस वक्त दोनों एक ही बैरक में बंद थे। तरसेम पर आरोप है कि उसने अपनी निजी जानकारी सुक्खा से सांझा कर उसे जेल से भगाने में मदद की।

अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि सुक्खा ने साजिशन तरसेम से उसकी निजी जानकारी ली थी। उसे ये भी पता था कि जेल से जमानत पर रिहा करते वक्त ड्योढ़ी पर जेल प्रबंधन की ओर से क्या पूछा जाता है। पता चला है कि रिहाई के समय ही सुरक्षा कर्मियों से चूक हो गई। यहां सर्वर डाउन होने से फिंगर स्कैनर मशीन नहीं चल पाई। इसी वजह से सुक्खा आरोपी तरसेम की पूरी जानकारी जुटाने की वजह से जेल से रिहा होकर फरार हो गया। पता चला है कि आरोपी सुक्खा ने स्कैनर मशीन पर मौजूद सिपाही व एएसआई सतबीर सिंह के पूछे सभी सवालों का बेहद सटीकता से जवाब दिया था। इसी वजह से किसी को उसकी साजिश पर शक नहीं हुआ। जेल के दो अधिकारियों समेत तीन पर कार्रवाई होने से अब प्रबंधन हरकत में दिख रहा है। अब नए सिरे से रिहाई की व्यवस्था में बदलाव करने की बात कही जा रही है।

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