Ambala : शाहपुर में पराली जलाने का चालान करने पहुंची टीम को किसानों ने बनाया बंधक

- कई घंटे तक किसानों ने जांच टीम को बैठाए रखा, मुश्किल से शांत हुआ मामला
- किसान नेता अमरजीत मोहड़ी बोले, किसानों को परेशान किया तो ऐसे ही होगी कार्रवाई
Ambala : शाहपुर गांव में पराली के अवशेष जलाने वाले किसान के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचे अधिकारियों को किसानों ने बंधक बना लिया। कई घंटे तक अधिकारी किसानों की हिरासत में रहे। एक सप्ताह के भीतर अधिकारियों को बंधक बनाए जाने का यह दूसरा मामला है। सरकार की सख्ती के बावजूद किसानों ने भविष्य में ऐसी कार्रवाई करने की बात कही है। किसानों ने कहा कि अगर प्रशासन ने फिर ऐसी कार्रवाई करने का प्रयास किया तो जांच के लिए आने वाले अधिकारियों के खिलाफ ऐसी ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, पटवारी और कृषि विभाग के कर्मचारी वीरवार को शाहपुर में अवशेष जलाने वाले किसान का चालान करने पहुंचे थे। इस मामले की भनक भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह से जुड़े किसानों को लग गई। इसके बाद सभी किसान मौके पर पहुंच गए। यहां कार्रवाई के लिए आए अधिकारियों को किसानों ने बंधक बना लिया। इसके बाद किसान व बंधक बनाई गई टीम के बीच जमकर तकरार हुई। किसानों ने कहा कि अधिकारियों को सैटेलाइट से धान के अवशेषों में आग लगाने की सूचना तो तुरंत मिल सकती है लेकिन उनकी फसलों को होने वाले नुकसान की सूचना क्यों नहीं मिलती ? बाढ़ में किसानों की लाखों एकड़ फसल तबाह हो गई, लेकिन सरकार ने अभी तक मुआवजा जारी नहीं किया। किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों के समक्ष यह भी सवाल उठाया कि प्रशासन किसानों को फसल में आग लगाने से रोक रही है लेकिन उन्हें कोई कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं करवाया गया।
काफी कहासुनी के बाद मामला शांत हो गया। किसानों ने कहा कि अगर कृषि विभाग की टीम किसानों का चालान करने खेतों में आएगी तो उसका विरोध किया जाएगा। इससे पहले भी किसान जांच टीम को बंधक बना चुकी है। तब भी कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा था। तब भी किसानों ने साफ कहा था कि अगर कोई अधिकारी कार्रवाई के लिए आया तो उसे ऐसे ही बंधक बनाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि अगर अधिकारियों ने मनमानी से ऐसे ही किसानों के खिलाफ कार्रवाई की तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ ऐसा ही रुख अपनाया जाएगा। किसान जानबूझकर पराली जलाने के नाम पर किसानों को परेशान कर रही है। कोई भी किसान कानून नहीं तोड़ता।
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