मुफ्त पाठ्य पुस्तकों के लिए पहली से पांचवीं कक्षा तक प्रति छात्र 250 रुपये, छठी से आठवीं तक 400 रुपये की राशि अनुमोदित

मुफ्त पाठ्य पुस्तकों के लिए पहली से पांचवीं कक्षा तक प्रति छात्र 250 रुपये, छठी से आठवीं तक 400 रुपये की राशि अनुमोदित
X
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि यह राशि डी.बी.टी प्रणाली के माध्यम से जल्द ही छात्रों के खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी। इसके लिए छात्रों के बैंक खातों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि 'मुफ्त पाठ्य पुस्तकें' मद के तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक प्रति छात्र 250 रुपये तथा छठी से आठवीं तक प्रति छात्र 400 रुपये की राशि अनुमोदित की गई है। यह राशि डी.बी.टी प्रणाली के माध्यम से जल्द ही छात्रों के खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी। इसके लिए छात्रों के बैंक खातों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 12 जून को हुई उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पहली से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में पुस्तकों की राशि स्थानांतरित कर दी जाए। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 के लिए केन्द्र सरकार द्वारा परियोजना अनुमोदन बोर्ड की बैठक में कुल 46 करोड़ रुपये की राशि 'मुफ्त पाठ्य पुस्तकें' मद के तहत अनुमोदित की गई है।

कंवर पाल ने सदन को अवगत करवाया कि सभी कक्षाओं और सभी विषयों की ई-पुस्तकें एस.सी.ई.आर.टी.हरियाणा, गुरुग्राम की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक डोमेन पर अॅपलोड कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के प्रतिबन्धों के चलते पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन एजुसेट के माध्यम से प्रसारित की जा रही हैं और विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर भी उपलब्ध है।

उन्होंने बताया कि जहां तक छठी से आठवीं तक की पुस्तकों की उपलब्धता का संबंध है तो विभाग एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को अपनाता है, जो एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित भी होती हैं और खुले बाजार में आसानी से उपलब्ध होती हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के दृष्टिगत नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे के विकास की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके बाद अगले वर्ष से पाठ्यक्रम में बदलाव की उम्मीद है। अगले शैक्षणिक सत्र से नए पाठ्यक्रम के अनुरूप नई पाठ्य पुस्तकें छापी जाएंगी।

Tags

Next Story