रेवाड़ी : डीएमसी के खिलाफ फूटा पार्षदों का गुस्सा, नगर परिषद की बैठक का बहिष्कार करके धरने पर बैठे

रेवाड़ी नगर परिषद परिसर में तीन महीने बाद सोमवार को हुई हाउस की बैठक एक बार फिर जोरदार हंगामें की भेंट चढ़ गई। इससे पहले 10 अगस्त को हुई पार्षदों की बैठक एक पार्षद की अपने ही पार्षद साथियों के खिलाफ जुबान फिसलने से नहीं हो पाई थी। सोमवार को करीब 25 मिनट चली हाउस की बैठक में पार्षदों ने डीएमसी सुभिता ढाका पर अभद्रता करने के आरोप लगाते हुए बहिष्कार कर दिया तथा नारेबाजी करते हुए नगर परिषद परिषद के गेट के पास धरने पर बैठ गए। यही नहीं चेयरपर्सन पूनम यादव भी अपने पार्षद साथियों के समर्थन में बैठक का बहिष्कार करके धरने पर बैठ गई।
सोमवार को शुरू हुई बैठक शुरू होते ही पहले डीएमसी ने मीडिया को बाहर करने को कहा, जिस पर सभी पार्षदों ने एकजुट होकर मीडिया को बाहर करने की मनाही कर दी। अभी 25 मिनट ही हुए थे कि वार्ड नंबर-4 से पार्षद सरिता सैनी अपनी समस्या रखने लगी। तो डीएमसी पार्षद से अभद्रता से पेश आई, जिसपर सभी पार्षदों में रोष पनप गया और बैठक छोड़कर बाहर धरने पर बैठ गए। पार्षदों ने कहा कि डीएमसी को आए हुए दो महीने हो गए है। जब पार्षद समस्या व कार्य को लेकर जाते है तो डीएमसी की ओर से बदतमीजी की जाती है तथा उनकी बातों पर कोई गौर नहीं किया जाता। पार्षदों ने आरोप लगाया कि डीएमसी कहती है कि पार्षदों का मेरे कार्यालय में क्या काम। पार्षद प्रवीण चौधरी, राजेन्द्र कुमार, दलीप माटा व रेखा देवी ने कहा कि जब से डीएमसी आई है फाइलें टेबिल पर रखी रहती है कोई काम नहीं हो रहा है। वार्डवासी समस्याओं से परेशान है तथा पार्षदों से कह रहे है। जब पार्षद डीएमसी के पास आते है। तो यहां अभद्र व्यवहार किया जाता है। नगर परिषद की ओर से करीब 7 करोड़ के टेंडर अप्रूव किए जा चुके है, लेकिन डीएसी फाईलों पर साइन तक नहीं कर रही है। पार्षदों की ओर से डीएमसी का शहर से तबादला करने की मांग की जा रही है।
वहीं डीएमसी सुभिता ढाका ने कहा कि पार्षदों के आरोप बेबुनियाद हैं। कुछ पार्षद मेरे एक वार्ड की गली के बोर्ड बनवाने का बजट पास करवाने को लेकर पहुंचे थे, लेकिन मैंने बजट ज्यादा होने के चलते मना कर दिया शायद इसी के चलते पार्षदों में रोष है। सोमवार को बैठक में अनियमित कॉलोनियों को नियमित कराने, पार्को के कार्य, सड़कों के पैचवर्क सहित कुल 26 प्रस्तावों को पास कराया जाना था।
डीएएमसी के खिलाफ लगातार रोष
पार्षदों में लगातार डीएमसी के खिलाफ रोष है। पार्षदों का आरोप है कि डीएमसी के पास अनेक डीएनआईटी (विस्तृत निविदा आमंत्रण सूचना) पर साइन कराने के लिए फाइल गई हुई है, लेकिन उनको पास नहीं किया जा रहा ह, जिसके चलते शहर का विकाश अवरुद्ध हो चुका है।
पार्षद गलियों में लगाना चाहते थे सूचक बोर्ड
डीएमसी ढाका ने कहा कि पार्षद एक ही वार्ड में 24 लाख के सूचक बोर्ड लगाना चाहते थे। सभी वार्डों में अगर सूचक बोर्ड लगाए जाएंगे तो उसकी लागत करीब 6 करोड़ आएंगी। नगर परिषद के पास इतना बजट नहीं है। नगर परिषद में उनके कार्यभार संभालने के बाद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है।
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