राष्ट्रीय महिला कुश्ती चैंपियनशिप : पिता के अंतिम संस्कार के बाद अभ्यास करने पहुंचीं हिसार की अंजू ने जीता गोल्ड

हरिभूमि न्यूज:आगरा/हिसार
आगरा में चल रही राष्ट्रीय महिला कुश्ती चैम्पियनशिप के 55 किग्रा वर्ग में हिसार की अंजू ने गोल्ड मेडल जीता। फाइनल से पहले विपक्षी पहलवान बंटी चोटिल हो गईं। इस वजह से अंजू को वॉकओवर मिला। अंजू पहली बार सीनियर लेवल पर गोल्ड मेडल जीतने में सफल हुईं। हालांकि, इस सफलता के पीछे उन्होंने काफी मेहनत की है। अंजू के पिता का 18 जनवरी को निधन हो गया था। कोच जसबीर सिंह ने बताया कि पिता के अंतिम संस्कार के बाद तुरंत अंजू ट्रेनिंग के लिए स्टेडियम पहुंची थीं। यह देखकर वे दंग रह गए थे। अंजू से इसकी वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि पापा का सपना पूरा करना है। इतना सुनते ही कोच जसबीर ने बिना कुछ कहे ट्रेनिंग शुरू कर दी।
गोल्ड मेडल पिता को समर्पित
गोल्ड मेडल जीतने के बाद अंजू ने कहा, 'ये गोल्ड मेरे पिता को समर्पित है। वे चाहते थे कि मैं देश के लिए ओलिंपिक मेडल जीतूं। मैं पापा के सपने को पूरा करना चाहती हूं। मेरा टारगेट 2024 ओलिंपिक है।' अंजू ने 2019 में जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में सोना जीता था। वहीं, 2018 व 2019 में सीनियर लेवल पर सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं।
छोटी सी उम्र में बड़ी जिम्मेदारी
21 साल की अंजू बताती हैं कि पिता के निधन के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई है। अंजू ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि एशियन चैम्पियनशिप में भी देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। मैं एशियन चैम्पियनशिप में भी मेडल जीतना चाहती हूं, ताकि मुझे नौकरी मिल सके।'
सहेली से प्रेरित होकर कुश्ती शुरू की
अंजू फिलहाल हिसार के जाट कॉलेज से बीए फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही हैं। अंजू ने कहा, 'मैं बचपन में अपने गांव में कबड्डी की प्रैक्टिस करती थी। उसी जगह रेसलिंग की भी ट्रेनिंग करवाई जाती थी। इस दौरान मेरी फ्रैंड अंकुश कैडेट वर्ग में देश के लिए एशियन चैम्पियनशिप में मेडल जीतकर आई। इसके बाद गांव में उसका भव्य स्वागत हुआ।'अंजू ने बताया कि इसी से प्रेरित होकर उन्होंने रेसलिंग की प्रैक्टिस शुरू की।
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