पेंशन बनी टेंशन : लाडली पेंशन के लिए खुद को जिंदा साबित करने में जुटी अंजूबाला

हरिभूमि न्यूज. जींद
पेंशन के लिए एक महिला को खुद को जिंदा साबित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। महिला अधिकारियों के चक्कर लगा चुकी है और खुद को उनके समक्ष पेश कर चुकी है कि वह जिंदा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसा ही मामला जींद की गांधी गली निवासी अंजू बाला के साथ हुआ है।
अंजू बाला ने अपनी आपबीती बताते हुए बताया कि लाडली पेंशन योजना के तहत उनकी पेंशन बंधी हुई थी लेकिन जुलाई माह से उसकी पेंशन बंद कर दी गई। जब उसने विभागीय अधिकारियों से पेंशन के बारे में पता किया तो उन्हें पता चला कि उनको मृत घोषित करके जुलाई माह से उनकी पेंशन काट दी गई है। वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रही है लेकिन कोई उसकी सुनवाई नहीं कर रहा है।
तीन माह की बकाया पेंशन के लिए भटक रहे बुजुर्ग
जयति-जयति हिंदू महान संगठन व आर्य समाज रोड के बुजुगोंर् की पिछले साल के तीन महीनों की पेंशन ना मिलने के चलते प्रदर्शन किया गया। संगठन के राष्ट्रीय संयोजक अतुल चौहान ने बताया कि आर्य समाज रोड के बुजुर्गों को पिछले साल के तीन महीने की पेंशन नहीं मिली है जिसके कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहले इनका खाता देना बैंक में था, जिसको बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्ज कर दिया गया है। इसके कारण यहां के बुजुगोंर् की पिछले साल के नवंबर, दिसंबर व फरवरी माह की पेंशन रुकी हुई है। इस पेंशन को लेने के लिए ये बुजुर्ग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। बुजुर्ग बकाया पेंशन के लिए बैंकों के भी कई चक्कर लगा चुके हैं परंतु उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। अतुल चौहान ने प्रशासन से मांग की के जल्द से जल्द इन बुजुगोंर् को समस्या का समाधान करवाया जाए। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं होता है तो प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके अलावा अंजूबाला की पेंशन को फिर से बहाल किया जाए। इस मौके पर रामगिरी, पवन कुमारी, ओमवती, रत्ना देवी, अंजूबाला, जागेराम आदि मौजूद रहे।
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