संयुक्त किसान मोर्चा का सरकार को झटका : हाई पावर कमेटी के साथ मीटिंग नहीं करेंगे किसान, बोले- रास्ते हमने नहीं सरकार ने किए बंद

संयुक्त किसान मोर्चा का सरकार को झटका : हाई पावर कमेटी के साथ मीटिंग नहीं करेंगे किसान, बोले- रास्ते हमने नहीं सरकार ने किए बंद
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32 जत्थेबंदियों की बैठक में लिया गया फैसला, रविवार को डीसीआरयूएसटी मुरथल में तय की गई थी सरकारी अधिकारियों और किसानों की बैठक।

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर सिंघु बार्डर से एक तरफ का रास्ता खुलवाने के सरकारी प्रयासों को शनिवार को उस समय झटका लगा, जब संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकारी अधिकारियों की बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। किसानों ने स्पष्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में किसान पार्टी नहीं है। यह सरकार व अदालत के बीच का मामला है तो सरकार ही जवाब दे। किसानों ने यह फैसला शनिवार को 32 जत्थेबंदियों की बैठक में लिया। वहीं, किसानों ने फिर एक बार कहा कि उन्होंने रास्ता बंद नहीं किया है बल्कि सरकार ने दिल्ली की ओर से सिंघु बार्डर दीवार बनाई है। यह दीवार हटाने के लिए किसान भी कई बार कह चुके हैं, लेकिन सरकार नहीं मानी।

शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू बार्डर कार्यालय में एक बैठक बुलाई, जिसमें 32 जत्थेबंदियों ने भाग लिया। बैठक में डा. दर्शनपाल के अलावा दल्लेवाल, बलबीर राजेवाल समेत अनेक बड़े नेता मौजूद रहे। उन्होंने फैसला लिया कि वे 19 सितम्बर को होने वाली सरकार की कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। यह बैठक मुरथल यूनिवर्सिटी होनी तय हुई थी। किसान नेताओं ने साफ किया कि वे कोर्ट के आदेशों में पार्टी नहीं हैं। जवाब सरकार से मांगा गया है तो सरकार ही जवाब दे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सरकार किसानों को अपनी चाल में फंसाना चाहती है, लेकिन किसान सरकार के हर षड़यंत्र को समझते हैं।

पहले किसानों ने ही कहा था कि दीवार को मार्ग से हटाएं

किसान नेताओं ने कहा कि कोरोनाकाल के समय जब आक्सीजन सिलेंडर लाने-ले जाने में लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा था तो किसानों ने ही सरकार को कहा था कि वह दिल्ली की ओर वाली दीवार को मार्ग से हटाए तो रास्ता सुलभ हो सकता है, लेकिन सरकार नहीं मानी। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है तो सरकार किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चलाना चाहती है। किसान नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि यदि अदालत की ओर से किसानों को पार्टी बनाया जाता तो, वे बैठक में जाते, लेकिन अब किसान पार्टी नहीं हैं।

रास्ता हमने नहीं रोका, सरकार ने खड़ी की है दीवार

किसान नेताओं ने कहा रास्ता हमने नहीं रोका सरकार ने दीवार खड़ी कर रखी है। किसानों ने रास्ता बंद नहीं किया। एक तरफ का रास्ता किसानों ने खोल रखा है। केंद्र सरकार ने दीवार खड़ी करवा कर बेरिकेडिंग कर रखी है, जिसे खोलने का दायित्व सरकार का ही है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान 27 सितम्बर को प्रस्तावित बंद को लेकर तैयारियां कर रहे हैं। बंद के लिए देशभर के संगठन किसानों का समर्थन करेंगे और इसे सफल बनाने के लिए ताकत झोंकेंगे। इसके अलावा जत्थेबंदियों ने एक बार फिर गुरनाम चढूनी को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी पंजाब में अपना एजेंडा चला रहे हैं।

तय शैड्यूल के अनुसार होगी बैठक : डीसी

सरकार की कोर कमेटी की बैठक तय शैड्यूल के अनुसार होगी। इसमें सभी प्रमुख पदाधिकारी पहुंचेंगे। वे किसानों से भी अपील करते हैं कि जनहित के मुद्दे पर सरकार का सहयोग करें और बैठक में शामिल हों। चूंकि माननीय सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करना है, तो कमेटी की बैठक जरूर होगी। उन्हें उम्मीद है कि किसान प्रतिनिधि इस बैठक में पहुंचेंगें। -ललित सिवाच, उपायुक्त, सोनीपत

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