अंशुल छत्रपति ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का फाइव स्टार अस्पताल में उपचार करवाने पर उठाए सवाल

हरिभूमि न्यूज. सिरसा
हत्या व बलात्कार के मामलों में सुनारिया जेल में सजा काट रहे सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बीमारी के बहाने फाइव स्टार अस्पतालों में उपचार करवाए जाने पर मृतक पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति के पुत्र अशुंल छत्रपति ने सवाल खड़े किए हैं।
अंशुल छत्रपति ने कहा कि जेलो में बंद कितने कैदियों को उपचार के लिए फाइव स्टार अस्पतालों में ले जाया जाता है। कैदियों को सरकारी अस्पताल में दवा दिलाई जाती है। गंभीर होने पर रोहतक पीजीआई तक ले जाया जाता है। लेकिन डेरा प्रमुख के मामले में विशेष रियायत बरती जा रही है। हत्या व बलात्कार जैसे मामलों में सजा काट रहे गुरमीत सिंह को इस तरह की सुविधाएं देना प्रदेश के लिए खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीज को किसी से मिलने भी नहीं दिया जाता है। लेकिन राम रहीम के मामले में हनीप्रीत को अटेंडेंट कार्ड जारी किया गया है। हनीप्रीत दिन में कई बार गुरमीत सिंह से मुलाकात कर रही है, जिससे लगता है कि कोई बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही ढील को लेकर वे शीघ्र ही सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय में शिकायत देंगे।
अंशुल छत्रपति ने कहा कि जब 25 अगस्त 2017 को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत सिंह को सजा सुनाई थी तब पंचकूला व सिरसा में दंगे हुए थे। जिनमें कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी और प्रदेश को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। उस समय हनीप्रीत सहित कई डेरा प्रेमियों को षड्यंत्र रचने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा कि अब डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह कभी मां की बीमारी तो कभी खुद के बीमारी के बहाने गुरुग्राम के फार्म हाउस में जाकर हनीप्रीत व डेरा की मैनेजमेंट से गुप्त बैठकें कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन बैठकाें को षड़यंच रचे जा रहे हैं। यह बैठकें प्रदेश के लिए नए सिरे से खतरा उत्पन्न कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि यदि गुरमीत सिंह कोरोना पॉजिटिव है तो उसने पीजीआई में टेस्ट क्यों नहीं करवाया। मेदांता में टेस्ट करवाने के बाद वह कोरोना संक्रमित मिला और नियमों को दरकिनार कर उसे हनीप्रीत जैसी अटेंडेंट भी उपलब्ध करवा दी गई। कोरोना पॉजिटिव मरीज को होम आइसोलेट किया जाता है। राम रहीम को भी जेल में आइसोलेट कर उपचार दिया जाना चाहिए। उन्होेंने कहा कि गुरमीत सिंह को कब-कब जेल से बाहर लाया गया और कहां-कहां उसने बैठकें की। यह सारी जानकारी वे सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय में भेजेंगे और कार्रवाई की मांग करेेंगे।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS