हरियाणा में एंटी करप्शन कमेटी का पुनर्गठन, मुख्य सचिव होंगे चेयरमैन

चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का पुनर्गठन किया है। इस समिति के चेयरमैन मुख्य सचिव होंगे जबकि हरियाणा के महाधिवक्ता विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। समिति की बैठक मासिक आधार पर आयोजित की जाएगी। इस संबंध में हरियाणा के विजिलेंस विभाग ने अधिसूचना जारी की है। प्रवक्ता ने बताया कि वितायुक्त एवं राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह एवं प्रशासन न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, पुलिस महानिदेशक, राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक, सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तथा अभियोजन विभाग के निदेशक को समिति का सदस्य लगाया गया है जबकि विजिलेंस विभाग के सचिव को समिति का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह समिति रणनीति को अंतिम रूप देने, नीतियां बनाने और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को लागू करने के लिए शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करेगी। यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत अभियोजन स्वीकृति के लिए सक्षम अधिकारियों के पास लंबित आवेदनों की प्रगति की समीक्षा करेगी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17-ए के तहत मंजूरी के लिए सक्षम अधिकारियों के पास लंबित आवेदनों की प्रगति की भी समीक्षा करेगी। यह समिति भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कथित रूप से किए गए अपराधों में राज्य सतर्कता ब्यूरो और मण्डल सतर्कता ब्यूरो द्वारा की गई जांच की प्रगति की के अलावा दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत ऐसे अपराध जिनके साथ एक ही मुकदमे में एक लोक सेवक पर आरोप लगाया जा सकता है, की समीक्षा भी करेगी।
यह समिति उन मामलों की भी समीक्षा करेगी जिनमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज एफआईआर की कुल संख्या, दोषसिद्धि की दर, और गुणवत्ता में सुधार सहित अदालत में प्रदर्शन में सुधार के संदर्भ में समय पर चालान प्रस्तुत किया गया है। इसके साथ ही सीएम फ्लाइंग स्क्वायड के पास लंबित जांच और उसकी निगरानी, मुख्य सतर्कता अधिकारियों के पास लंबित जांच और जिला सतर्कता समितियों के पास लंबित जांच भी समीति द्वारा की जाएगी।
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