बायोगैस प्लांट लगवाने के लिए 30 सितंबर तक करें आवेदन, 40 प्रतिशत मिलेगा अनुदान

नूंह : नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हरियाणा की ओर से आजादी अमृत महोत्सव के तहत हरियाणा में स्थित गौशाला, पोल्ट्री फार्म, वाणिज्य व व्यक्तिगत डेयरी में संस्थागत बायोगैस प्लांट लगवाने की एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। संस्थागत बायोगैस प्लांट लगाने पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है, जिसके लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। अनुदान पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए एडीसी एवं मुख्य प्रोजेक्ट अधिकारी नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग डॉक्टर आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि बायोगैस साफ एवं स्वच्छ पर्यावरण हितैषी, धुंआ रहित गैस है। इसमें 55 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक मीथेन गैस होती है, जो कि ज्वलनशील है। बायो गैस पशुओं के गोबर से तैयार होती है। बायो गैस प्लांट को सामान्य रूप से गोबर गैस प्लांट के रूप में जाना जाता है। हरियाणा में लगभग 7.6 लाख पशु हैं, जिनसे हम 3.8 लाख क्यूबिक मीटर बायोगैस उत्पन्न कर सकते हैं। 3.8 लाख क्यूबिक मीटर बायोगैस से 300 मेगावाट को बिजली पैदा की जा सकती है। हमें 100 पशुओं से लगभग 10 क्विंटल गोबर प्राप्त होता है, जिससे लगभग 50 क्यूबिक मीटर गैस प्राप्त हो सकती है।
एडीसी ने बताया कि इस कार्यक्रम को बढ़ावा देने व गौशाला, पोल्ट्री फार्म, वाणिज्य व व्यक्तिगत डेयरियों की वित्तीय स्थिति को देखते हुए संस्थागत बायोगैस प्लांट लगाने पर 40 प्रतिशत का अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि 25 क्यूबिक मीटर क्षमता के बायोगैस प्लांट पर लगभग 318000 रुपए का खर्चा आता है तथा इस पर सरकार की ओर से 127200 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। इसी प्रकार 35 क्यूबिक मीटर, 45 क्यूबिक मीटर, 60 क्यूबिक मीटर व 85 क्यूबिक मीटर क्षमता के संस्थागत बायोगैस प्लांट स्थापित करने पर भी 40 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
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