अभिभावकों पर भारी पड़ेगा अप्रैल : फीस के अलावा किताबों, स्कूली बैग, स्टेशनरी व अन्य सामान पर बरस रही महंगाई की आग

अभिभावकों पर भारी पड़ेगा अप्रैल :  फीस के अलावा किताबों, स्कूली बैग, स्टेशनरी व अन्य सामान पर बरस रही महंगाई की आग
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कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के दौर में हर वर्ग की कमाई प्रभावित हुई है। ऐसे में नए शैक्षणिक सत्र (New Academic Session) में बच्चे को पब्लिक स्कूल में पढ़ाना एक आम परिजन के बस की बात नहीं रह गई है।

बहादुरगढ़ : एक तरफ कोरोना (Corona) के कारण कमाई में कमी और दूसरी तरफ अप्रैल का महीना अभिभावकों (Parents) के लिए बेहद महंगा साबित होने जा रहा है। इस माह उनकी कमाई बच्चों की स्कूल फीस, कापी-किताबों आदि पर खर्च हो रही है। निजी स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिल कराने के बाद अभी अभिभावक बस्ता तैयार करने में जुटे हैं। महंगाई के इस दौर में किताब-कापी, स्कूल ड्रेस तैयार करने में परिजन परेशान हैं। स्कूली बैग, स्टेशनरी व अन्य सामान पर तो महंगाई की आग बरस रही है।

कोरोना महामारी के दौर में हर वर्ग की कमाई प्रभावित हुई है। ऐसे में नए शैक्षणिक सत्र में बच्चे को पब्लिक स्कूल में पढ़ाना एक आम परिजन के बस की बात नहीं रह गई है। पब्लिक स्कूल में दाखिला कराने के बाद आम अभिभावक गुणा-भाग लगाने को विवश है। वहीं महंगाई भी अपने शिखर पर है। शिक्षण सामग्री के रेट भी आसमान छू रहे हैं। नए शैक्षिक सत्र के मद्देनजर स्कूली बैग व ड्रेस आदि सामान की कीमत में इजाफा हो गया है।

जाहिर है कि जब कीमतों में बढ़ोतरी होगी तो इसका बोझ अभिभावकों की जेब पर ही पड़ेगा। ऊपर से अच्छे स्कूल में बच्चों के दाखिले के लिए मोटी फीस देनी पड़ेगी। छात्रों व अभिभावकों का आर्थिक दोहन चल रहा है। दाखिले शुरू होते ही कापी किताबों की दुकानों पर बच्चों के संग अभिभावकों की भीड़ उमड़ने लगी है। अधिकांश स्कूल खुलने जा रहे हैं, ऐसे में कापी किताबों की दुकानों से स्कूल बैग, कापी किताब आदि की खरीददारी शुरू हो गई है। किताब की दुकान चलाने वाले रणजीत सिंह ने बताया कि यूं तो सामान्य बिक्री होती है, लेकिन अप्रैल माह में स्कूल खुलने के बाद दुकानों पर कापी किताबों की बिक्री शुरू हो जाती है। पूरे महीने जमकर कापी किताब आदि सामानों की बिक्री होती है।

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