रक्षाबंधन पर 24 घंटे में 12 अंक बढ़ा रोहतक जिले का एक्यूआई

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
दिवाली पर हम जहां पटाखे फोड़कर प्रदूषण का स्तर एकदम से बढ़ा देते हैं। वहीं दूसरे त्योहार में वाहनों की आवाजाही की वजह से पॉल्युशन बढ़ता है। शनिवार को रोहतक का एक्यूआई 94 दर्ज किया था। जबकि 22 अगस्त रविवार को रक्षाबंधन पर यह 106 पर जा पहुंचा।
खास बात यह है कि अगर शनिवार को दिनभर बारिश नहीं होती तो और बढ़ोतरी होती। क्योंकि बारिश के अगले दिन में भारी गिरावट होती है। लेकिन पर्व पर वाहनों की आवाजाही इतनी बढ़ी कि इसमें 12 अंकों की बढ़ोतरी हुई। दिलचस्प यह भी है कि शनिवार की बजाय रविवार को प्रदूषण सूचकांक में कमी होती है। क्योंकि रविवार को सार्वजनिक अवकाश होता है। जिसकी वजह से वाहन और कल-कारखाने बंद रहते हैं। लेकिन रविवार को इसमें कमी नहीं हुई। क्योंकि रक्षाबंधन पर लोग निजी वाहनों का प्रयोग करके इधर से उधर गए।
चालू महीने अगस्त में ही शनिवार की बजाय रविवार को एक्यूआई कम हाेने के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो प्रदूषण बढ़ने की स्थिति साफ हो जाती है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 7 अगस्त शनिवार को रोहतक का एक्यूआई 92 था। जबकि उसके अगले दिन यह 86 दर्ज किया गया। इसके बाद 14 अगस्त को 97 और 15 को 92 दर्ज किया गया। वाहन और कल-करखाने बंद रहने की वजह से 5-7 अंकों की कमी रविवार को हो जाती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि वाहन और कल-करखाने ही प्रदूषण ज्यादा बढ़ाते हैं।
रविवार को होता कम : चालू महीने अगस्त में ही शनिवार की बजाय रविवार को एक्यूआई कम हाेने के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो प्रदूषण बढ़ने की स्थिति साफ हो जाती है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 7 अगस्त शनिवार को रोहतक का एक्यूआई 92 था। जबकि उसके अगले दिन यह 86 दर्ज किया गया। इसके बाद 14 अगस्त को 97 और 15 को 92 दर्ज किया गया। वाहन और कल-करखाने बंद रहने की वजह से 5-7 अंकों की कमी रविवार को हो जाती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि वाहन और कल-करखाने ही प्रदूषण ज्यादा बढ़ाते हैं।
दिवाली के मौके पर बढ़ता है ज्यादा : वर्ष 2018 में दीपावली 7 नवम्बर की थी। इस दिन रोहतक का एक्यूआई 193 था। पर्व का खुमार हम पर इतना चढ़ा कि जमकर आतिशबाजी की। अगले ही इसमें भारी 143 अंकों की बढ़ोतरी हो गई। 8 नवम्बर को प्रदूषण का सूचकांक 336 पर जा पहुंचा। 2019 में 27 अक्टूबर को दीवाली दिन 306 था। लेकिन अगले दिन एक्यूआई 329 को छू गया। वर्ष 2020 में 14 नवम्बर को हमनें पर्व मनाया, उस दिन प्रदूषण का स्तर 422 था। पर्व से एक-दो दिन पहले राज्य के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई थी। इसी वजह से एक्यूआई नहीं बढ़ पाया। 15 नवम्बर को एक्यूआई 397 दर्ज किया गया था।
ये है पैमाना : एक्यूआई अगर 0-50 के बीच है तो उसे अच्छा माना जाता है। 51-100 के बीच संतोषजनक, 101-200 के बीच सामान्य, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच बहुत खराब और 401-500 गंभीर माना जाता है। अगर एक्यूआई 500 से ऊपर है तो उसे गंभीर और आपातकालीन श्रेणी में माना जाता है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS