ड्रोन से सर्वे में प्रॉपर्टी का क्षेत्र ज्यादा दिखा, अब रजिस्ट्री दिखाकर ठीक होगा

पंकज भाटिया : रोहतक
प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे नगर निगम और लोगों के गले की फांस बनता जा रहा है। सर्वे के बाद करीब उसमें करीब 95 प्रतिशत त्रुटियां पाई गई हैं। जिनमें एरिया, नाम, फोन नंबर और कैटेगरी शामिल रही। ये मामला हाउस की बैठक में जोर शोर से उठा। जिसके बाद याशी कंपनी, नगर निगम और वार्ड पार्षदों की डोर-टू-डोर ए चैक करने की ड्यूटी लगाई। वार्ड 19 से इसकी शुरुआत की गई। इसकी रिर्पोट मेयर ने मांगी। शुक्रवार को मेयर के समक्ष रिर्पोट पेश की गई। जिसमें पाया गया कि ज्यादातर में एरिया सही नहीं दर्शाया गया है। वहीं कैटेगरी, फोन नंबर और नाम भी गलत भरे गए हैं। जिसे अब चंडीगढ़ भेजा जाएगा। अब लोग प्रॉपर्टी टैक्स में हुई गलतियों को ठीक करवाने के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं। रजिस्ट्री दिखाने के बाद ही एरिया ठीक होगा। याशी कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि सर्वे ड्रोन से हुआ है उसमें रजिस्ट्री दिखाना मेंडेट्री नहीं था। ड्रोन ने लोगों द्वारा घरों पर बनाए गए छज्जे को भी एरिया में जोड़ दिया। जिससे ये समस्या हुई है।
हर वार्ड में लगेगें कैंप
प्रॉपर्टी टैक्स में जो भी त्रुटियां हुई उसकी जांच व ठीक करने के लिए हर वार्ड में डोर-टू-डोर अभियान चलाने का फैसला लिया गया। जिसकी शुरुआत वार्ड 19 से हो चुकी है। मदन लाल ढींगड़ा कम्यूनिटी सेंटर में लगे कैंप और डोर-टू-डोर जाने पर ए सामने आया कि एरिया में एक गज या इससे ज्यादा की त्रुटि है। जिसे अब ठीक किया जाना है। वहीं ये रिपोर्ट चंडीगढ़ यूएलबी में भेजी जाएगी।
तीन मोड में करवा सकते हैं ठीक
याशी कंपनी के अधिकारी अमित गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स के बिल पर बार कोड दशार्या गया है उसे स्कैन करके ऑनलाइन त्रुटियां ठीक करवाई जा सकती हैं। इसके अलावा निगम में आकर भी करेक्शन करवाने का प्रावधान है। साथ ही पांच फोन नंबर भी जारी किए गए हैं जिस पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है।
बिना रजिस्ट्री दिखाए कैसे होगी करेक्शन
जिन लोगोें के प्रॉपर्टी टैक्स के बिल में एरिया में गलती है। उसे अब ठीक करवाने के लिए रजिस्ट्री दिखानी पड़ेगी। ऐसा करने के लिए उसे नगर निगम कार्यालय में आना होगा। क्योंकि याशी कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि सर्वे में रजिस्ट्री दिखाना मेंडेट्री नहीं था।
चंडीगढ़ भेजेंगे रिपोर्ट
वार्ड 19 में जो सर्वे करवाया था उसकी रिर्पोट देख ली है। ज्यादातर में एरिया ठीक नहीं दर्शाया गया है। कई जगह बिल भी नहीं बंटे। कंपनी सर्वे को ठीक बता रही है। उनका कहना है कि ड्रोन से सर्वे है तो 10 प्रतिशत तक अंतर आ सकता है। रिपोर्ट की डिटेल बनाकर अब उसे चंडीगढ़ यूएलबी पर भेजा जाएगा। -मनमोहन गोयल, नगर निगम
कंपनी ने शर्तों का नहीं किया पालन
एग्रीमेंट के अनुसार पांच प्रतिशत एरर, दस प्रतिशत पर फाइन और 20 प्रतिशत पर ठेका रद करने का प्रावधान था। कंपनी ने जनता और हरियाणा सरकार के साथ धोखा किया है। कंपनी ने एग्रीमेंट की शर्तों का पालन नहीं किया और घर-घर जाकर सर्वे नहीं किया। लेजर डिस्टेंस मीटर से जांच करनी थी, उससे एक्जेक्ट डाटा आता। वो भी नहीं किया गया। जिसका खामियाजा जनता, सरकार व निगम को भुगतना पड़ेगा। अगर सरकार इनका ठेका रद नहीं करती तो। निगम और आम आदमी परेशान है। एरिया, नाम, कैटेगरी ठीक नहीं है तो जमीन से संबंधित जैसे रजिस्ट्री, नाम ट्रांसफर, रेंट एग्रीमेंट जैसे कार्य नहीं हो पाएंगे। -अशोक खु़राना, पूर्व पार्षद
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